निगम की मनमानी से व्यापारी परेशान , सेवाभाव का प्रोपगैंडा
जामनेर ( नरेंद्र इंगले ): कोरोना और उससे उपजे आर्थिक संकट से उबरने के लिए भारत सरकार ने 1300 कंपनियो को शुरू करने की इजाजत दी है ! महाराष्ट्र सरकार ने ऑरेंज और ग्रीन झोन मे शामिल सभी जिलो मे 20 अप्रैल से किसानी समेत अन्य जरूरी उद्योग इकाइयो को तालाबंदी के नियमो मे अनुपालन के निर्देश के साथ कुछ राहत प्रदान की है ! संक्रमण अधिक होने के कारण मुंबई , पुणे जैसे हॉटस्पॉट पुरी तरह सील कर दिए गए है ! ऑरेंज , ग्रीन झोन के जिलो मे शारीरिक अंतर जैसे नियमो के अनुशासन को संचालित करने की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपी है !
नागरिको का भी दायित्व बनता है कि वह मेडिकल गाइडलाइन तहत जारी नियमो का अनुशासित तरीके से पालन करे ! जिन जिलो मे तालाबंदी मे रियायत दी गई है वहा स्थानीय प्रशासन की मनमानी के मामले भी सामने आ रहे है ! जामनेर मे नगर परिषद द्वारा उन दुकानदारो को भी परेशान किया जा रहा है जो तालाबंदी की छूट के दायरे मे आते है ! टिन , स्टील , हार्डवेयर का व्यवसाय करने वाले व्यपारियो को कहा जा रहा है कि वह तालाबंदी की छूट मे नही आते ! मजे की बात यह है कि दक्षता वाहन मे बैठे नगर परिषद के कर्मी स्वयम इस बात से इत्तेफाक रखते है कि हार्डवेयर व्यापारी छूट के दायरे मे आते है भी या नही ! निगम का कर्मी दस्ता तत्कालीन ग्रामपंचायत का महकमा है उनसे सरकारी आदेश की परिभाषा की क्या उम्मीद कर सकते है ! दक्षता वाहन का भोपू बजाकर ऑडिट खर्च डाल दिया जाता है , कार्रवाई के नाम पर सब्जी मंडी मे चलाई गई मुहिम मे गरीबो पर मार पड़ती है !
अब जून मे मानसुन की फसलो की बुआई होनी है किसानो को अपने खेतो से जुड़े कामकाज मे हार्डवेयर की कई चीजे आवश्यक होती है ऐसे मे उन्हे प्रदान छूट पर अगर प्रशासन की आधी अधुरी जानकारी के कारण अतिक्रमण होने लगा तो शिकायत करे भी तो किस से करे ! हार्डवेयर के बिजनस से अकेले जामनेर मे लगभग 300 परिवारो को रोज़गार मिलता है और सरकार को GST से मोटा टैक्स भी ! इस मामले मे किसी भी हार्डवेयर व्यापारी ने कोई लिखित शिकायत नही की है शायद व्यापारी होना यह उनकी मजबुरी हो सकती है ! इस मामले मे जिलाधिकारी द्वारा संज्ञान एवम तालाबंदी की रियायतो के विषय मे सटीक मार्गदर्शन की आवश्यकता है !
ऐसा कोई खुदरा और ठोक व्यवसाय नही है जो किसानी या कृषि से संबंधित न हो फिर भी तालाबंदी के दायरे मे आनेवाले अन्य दुकानदार सच्चे नागरिक होने के नाते आदेशो का पालन कर रहे है ! इसी बीच 40 हजार की आबादी वाले जामनेर मे ऐसे मसीहा भी है जो हर रोज 10 हजार लोगो को भोजन करवाने का दावा कर रहे है अब इस तरह के सफेद झूठ की इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है !