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मोदी-शाह की जोड़ी और प्रचंड जीत का एक साल

Tez Samachar by Tez Samachar
May 24, 2020
in Featured, विविधा
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मोदी-शाह की जोड़ी और प्रचंड जीत का एक साल

मोदी-शाह की जोड़ी और प्रचंड जीत का एक साल

माह जून . साल 2013 . अमित शाह वाराणसी के दौरे पर थे. तब भी अमित शाह का पार्टी में रसूख उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री और चुनाव अभियान समिति के संयोजक नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा था. लेकिन वाराणसी का ये दौरा दरअसल संगठन के कहने से हो रहा था. अमित शाह के कंधों पर संगठन ने एक बड़ी जिम्मेदारी डाली थी. अमित शाह 2014 के चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए उपयुक्त सीट चुनने के इरादे से उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे थे. अपने नरेन्द्र भाई के लिए अमित शाह जीत की गारंटी वाली सीट खोजने में जुटे थे. शाह के तिकड़मी दिमाग ने ये बात भांप ली कि अगर यूपी में भाजपा का डंका बजाना है तो पूर्वांचल पर कब्जा करना होगा. शाह जानते थे कि मोदी के वाकचातुर्य के बल पर वाराणसी की सीट पर कब्जा, विकास के वादे के जरिए ही हो सकता है.
वहीं मोदी की विकास पुरूष की छवि उत्तर प्रदेश में कमजोर पड़ी पार्टी में नई जान फूंकने का काम करेगी. कांग्रेस को गुजरात में लगातार तीन बार रोककर शाह ने अपनी काबिलियत साबित की थी. पार्टी और मोदी को अपनी परछाईं अमित शाह पर पूरा भरोसा था. वाराणसी सीट पर पार्टी के दिग्गज नेता 80 साल के मुरली मनोहर जोशी काबिज थे, जो अगला चुनाव भी इसी सीट से लड़ना चाहते थे. लेकिन अमित शाह ने तय किया कि मोदी वाराणसी से होकर ही प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय करेंगे. सो शाह ने जोशी से दो टूक कह दिया कि वो कानपुर से चुनाव लड़ें और वाराणसी की सीट नरेंद्र मोदी के लिए खाली कर दें.
जोशी कुनमुनाए, पर हुआ वही जो शाह ने कहा. फिर वो चुनाव मोदी ही लड़े . जीते भी. सरकार भी बनाई
फिर आया 2018. सभी विपक्षी पार्टियों ने एक मंच पर आकर महागठनबन्धन बनाया. समाचार पत्रों और 70 सालों में लूटे गए देश के ही अथाह धन से ऐसा वातावरण रचा गया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी बुरी तरह हारेंगे.
लेकिन जब परिणाम आया तो पता चला कि बीजेपी की जीत 2014 से भी बड़ी है. इस जीत के सूत्रधार नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को ही माना गया . कहा गया ये दोनों जय-वीरू है , राम-लक्ष्मण हैं आदि आदि. उस समय सवाल उठा कि इनका साथ दाल-बाफले, लिट्टी-चोखे और इडली-सांभर सा क्यों है?
यह सवाल आज भी गलियारों में गूंजता है. यदा कदा उछाला जाता है . लेकिन उसकी विवेचना फिर कभी.
आज तो 2019 की प्रचंड जीत को एक साल पूरा हुआ है . देश मे राष्ट्र प्रथम की अवधारणा की सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई. शुभकामनाएं
Tags: modiModi-Shah duo and one year of great victoryshah
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