धुलिया: नहीं आए रिश्तेदार तो मुसलमानों ने दिया अर्थी को कंधा- पुलिस अधीक्षक ने की सराहना
मुस्लिम समाज के लोगों की पुलिस अधीक्षक ने की सराहना इसे हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एक सराहनीय कदम बताया
नहीं आए रिश्तेदार तो मुसलमानों ने दिया अर्थी को कंधा, किया अंतिम संस्कार पुलिस प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
धुलिया (जुनैद काकर): कोरोंना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन के दौरान धुलिया की लाइन नम्बर छह में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल देखने को मिली है। यहां मुस्लिमों ने ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी चर्चा पूरे क्षेेत्र में हो रही है। दरअसल यहां एक हिन्दू परिवार में वृद्ध का कोरोंना से निधन हो गया। जिसके के चलते अर्थी को कंधा देने के लिए उनके परिवार के अलावा कोई नहीं आगे आया. जैसे ही यह बात आसपास के मुस्लिमों को पता चली वे पहुंच गए। उन लोगों ने अर्थी को ना केवल कंधा दिया बल्कि शम्शान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार भी कराया। पुलिस अधीक्षक चिन्मय पंडित ने
इस सद्भावना भरी खबर का संज्ञान लेकर अंतिम संस्कारकराने वाले मुस्लिम समुदाय के युवाओं की प्रशंसा करते हुए उनके कार्य की सराहना की और उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. पुलिस अधीक्षक पंडित ने
मुस्लिम समाज के लोगों की सराहना की और इसे हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एक सराहनीय कदम बताया।
गत दिनों लाइन नम्बर छह मोहल्ला निवासी हिंदू बुजुर्ग महिला कोरांना बीमारी के चलते निधन हो गया था। मृतक के परिजनों ने रिश्तेदारों को सूचना दी, ताकि सभी लोग आ सके और मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके। स्थानीय परिजन और आसपास के नागरिकों को पता चला की उक्त महिला कोरोनावायरस से उनकी मृत्यु हुई है.एक करके सभी खिसक लिए ।जब इसकी जानकारी आसपास रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को मिली तो वह एकत्र हो गए। हिंदू रीति-रिवाजों के साथ उक्त महिला को उन्होंने अंतिम संस्कार पुत्र के साथ मिलकर किया.पुलिस अधीक्षक पंडित ने मुस्लिम युवक रईस हिंदुस्तानी मसूद अहमद शब्बीर अहमद अंसारी अबु इकबाल अहमद अंसारी अबरार अंसारी नसीब अंसारी इमरान अंसारी आदि लोगों ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया, बल्कि शव को श्मशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार भी कराया। यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।