मरीजों की देखभाल करते संक्रमित हुई पुणे की 5 नर्स
पुणे (तेज समाचार डेस्क)। कोरोना योद्धा होना कोई आसान काम नहीं है. तब जब मुकाबला आमने-सामने का हो. कोरोना से साथ जारी जंग में फ्रंट फुट पर मोर्चा संभालनेवाली नर्स इस संक्रमण से अछूती नहीं रही. कोरोना मरीज का इलाज करनेवाले प्रमुख अस्पताल डॉ. नायडू अस्पताल की पांच नर्सों को कोरोना का संक्रमण होने से स्वास्थ्य विभाग में चिंता बढ़ गई है. पिछले दो महीनों से कोरोना मरीजों के इलाज में जुटी पांच नर्सों की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसके बाद हॉस्पिटल में हड़कंप मच गयी है। शिकायत की जा रही है कि प्रशासन कोरोना उपचार के दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है।
– होम क्वारंटाइन नियम का पालन नहीं कर रहा अस्पताल
नायडू हॉस्पिटल में कोरोना के 150 मरीज एडमिट हैं। यहां मनपा सेवा में लगभग 35 स्थायी और अनुबंधित नर्स संख्या 35 कार्यरत हैं। इनमें से पांच नर्सें पॉजिटिव पायी गई है। कोरोना पॉजिटिव नर्सों की उम्र 57, 42, 38, 36 और 35 साल बताई गई है। उन्हें नायडू अस्पताल में ही एडमिट किया गया है। राज्य सरकार ने कोरोना के मरीजों का इलाज करने वाली नर्सों और डॉक्टरों को सात दिन कोरोना वार्ड, सात दिन गैर कोरोना वार्ड में ड्यूटी देने के बाद सात दिन होम क्वारेंटाइन करने का आदेश दिया है। हालांकि, डॉक्टरों और नर्सों का कहना है कि नायडू अस्पताल इस आदेश का पालन नहीं कर रही है।
– निरंतर ड्यूटी करने से फैला संक्रमण
इस संबंध में सभी ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुधीर पाटसुते को एक पत्र भी दिया गया है। उन्होंने कहा हम 27 जनवरी से इस पर काम कर रहे हैं। हममें से कुछ को मधुमेह है और उच्च रक्तचाप है। इसलिए, यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रोटेशन, छुट्टियां आवश्यक हैं। हालांकि इसका कुछ भी फ़ायदा नहीं हुआ। निरंतर ड्यूटी के कारण ही हमारा स्टाफ भी कोरोना की चपेट में आ रहा है, ऐसा नर्सें का कहना है। नायडू अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ओपीडी है। पहली मंजिल पर संदिग्धों की जांच की जाती है, जबकि पॉजिटिव रोगियों का इलाज इमारत की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल पर किया जाता है। वहां काम करने वाली पांच नर्सों की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।