पुणे (तेज समाचार डेस्क)। रमजान ईद के अवसर पर पुणे में हिंदू-मुस्लिम एकता की एक बड़ी मिसाल देखने को मिली। यहां ईद की नमाज के बाद कुछ मुस्लिम युवकों ने एक हिंदू बुजुर्ग का अंतिम संस्कार श्मशान घाट में किया। संक्रमण के डर से अंतिम संस्कार के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था। मगर मुस्लिम युवकों ने मानवता का परिचय देते हुए श्मशान घाट में अपने हाथ से ही बुजुर्ग की चिता सजाई और पूरे हिन्दू रिवाज के साथ बुजुर्ग का दाह संस्कार किया।
– नागपुर में रहते हैं परिवार के सदस्य
पुणे के केसनंद इलाके में रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग शेकू क्षीरसागर कीबीमारी के चलते मौतहो गई थी। क्षीरसागर अपनी पत्नी के साथ यहां अकेले रहते थे। उनके परिवार के अन्य सदस्य नागपुर के पास रहते थे। लॉकडाउन के कारण वे पुणे आने में असमर्थ थे।ऐसी स्थिति में रहीम शेख नाम के शख्स ने जान मुहम्मद पठान, अप्पा शेख, आसिफ शेख, सद्दाम शेख, अल्ताप शेख और साहबराव जगताप के साथईद की नमाज के बाद हॉस्पिटल जाकर बुजुर्ग का शव लिया और हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी किया।
– बुरे वक्त में मदद करना सबसे बड़ी इबादत
चारों मुस्लिम युवक कंधे पर शव को उठाकर ‘राम नाम सत्य है’ कहकर पहुंचे। यहां श्मशान भूमि में चिता की लकड़ी भी इन्होंने ही सजाई थी। बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करने वाले रहीम शेख ने बताया, इनके परिवार के सदस्य रोजी-रोटी के लिए शहर से बाहर रहते हैं। यहां सिर्फ वे और उनकी पत्नी रहते थे। लॉकडाउन की वजह से वे यहां आ नहीं सकते थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए अन्य लोग उनके पास नहीं आ रहे थे। हम सभी इनके बेटे की उम्र के हैं। इसलिए हमने यह फर्ज निभाते हुए इनका अंतिम संस्कार किया। आज ईद है और अल्लाह की ओर से यह संदेश दिया गया है कि बुरे वक्त में किसी की मदद करना सबसे बड़ी इबादत है।