नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). समस्याएं आती रहती हैं, जाती रहती हैं. किसी ने कहा भी है, कि जब वे दिन नहीं रहे, तो ये दिन भी नहीं रहेंगे. आज पूरा विश्व कोरोना महामारी की समस्या से जूंझ रहा है. परंतु इसका यह अर्थ नहीं कि व्यक्ति अपने मूल कर्तव्यों का पालन करना छोड़ दे. इसी मूल मंत्र को भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना महामारी के समय में आत्मसात किया है. एक तरफ जहां देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है तो वहीं अमित शाह ने देश के गृह मंत्री के तौर पर देश के दंगाइयों और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई, चाहे वो दिल्ली हिंसा हो या विदेश से आए तब्लीगी, सभी मामलों के दोषियों को पकड़ने में तनिक भी देरी नहीं की है.
– कोरोना फैलाने में तबलीगी जमात की बड़ी भूमिका!
दिल्ली ने इस वर्ष कानून की धज्जियां उड़ाने वाली दो बड़ी घटनाओं को देखा, पहले फरवरी में हुए दंगे और फिर उसके बाद कोरोना फैलाने में तब्लीगी जमात की भूमिका. इन दोनों ही मामलों में दोषियों पर कर्रवाई अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. कुछ दिनों पहले ही दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन पर दूसरी चार्जशीट दाखिल की गयी, वहीं दिल्ली दंगों में तब्लीगी जमात के होने के भी लिंक मिले हैं.
– विदेशी तबलीगियों पर लगा बैन
यही नहीं 2,550 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट कर भारत मे प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है.इसमें सबसे हैरानी वाला खुलासा दिल्ली दंगों में तब्लीगी लिंक है. रिपोर्ट के अनुसार 24 फरवरी को शिव विहार के एक स्कूल के बाहर हुए दंगे की दिल्ली पुलिस की जाँच में यह पता चला है कि स्कूल के मालिक फैसल फारूक का तब्लीगी जमात के वैश्विक मुख्यालय हज़रत निज़ामुद्दीन मरकज़ के साथ संबंध थे.
– फैजल फारूक की साजिश का खुलासा
जांच में खुलासा हुआ है कि स्कूल के मालिक फैजल फारुक का हजरत निजामुद्दीन मरकज, देवबंद और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों के सदस्य से संपर्क हैं. कॉल डिटेल से पता चलता है कि काफी गहरी साजिश रची गई थी.पुलिस का कहना है कि दंगा कराने के लिए ताहिर ने करोड़ों रुपये खर्च किए थे. इसके लिए वह पूर्व जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद और शाहदरा के खुरेजी खास दंगे में आरोपी खालिद सैफी के संपर्क में था.
– अंकित शर्मा हत्या की चार्जशीट की दायर
वहीं दिल्ली हिंसा के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने दूसरी चार्जशीट भी दाखिल की है. लगभग 650 पेज की इस चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि उनके पास प्रूफ है कि अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद कुछ लोग उनकी लाश को नाले में फेंक रहे हैं. हत्या के आरोपियों में पार्षद ताहिर हुसैन, हलील सलमान, समीर शामिल है. इसके अलावा दो कुख्यात बदमाशों नाजिम और कासिम समेत 5 और अन्य आरोपी हैं.
– हत्या के समय पास ही मौजूद था ताहिर हुसैन
दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया है कि जिस समय IB अफसर की हत्या हुई उस समय ताहिर हुसैन बगल के किसी घर में मौजूद था और लगातार अपडेट ले रहा था.यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि कोरोना के बावजूद, दिल्ली पुलिस ने फरवरी के दंगों को सुलझाया और मामले के आरोपियों की धरपकड़ की. वास्तव में, अमित शाह के नेतृत्व वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए किसी भी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा. अप्रैल के महीने में पूर्वोत्तर दिल्ली के दंगों के सिलसिले में 800 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं थी.
– तबलीगी मिशनरियों के खिलाफ भी कार्रवाई
दिल्ली के दंगों के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी तब्लीगी मिशनरियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है, जो देश भर में COVID-19 फैलाने के वाले सबसे बड़े क्लस्टर के रूप में सामने आए. अब जामतियों के 2,550 सदस्यों को अगले 10 वर्षों के लिए भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यही नहीं कोरोना के मामले पर भी गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था से लेकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक सभी प्रकार की आवश्यकता को बखूबी पूरा किया. इससे एक बार फिर अमित शाह ने सिद्ध कर दिया कि कैसे वे देश को हर प्रकार के संकट से निकालने हेतु प्रतिबद्ध है.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह सुनिश्चित किया कि कानून तोड़ने वालों और दंगाइयों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा. कोरोना वायरस महामारी भी भारत को तोड़ने की सजिश करने वालों के खिलाफ एक्शन को नहीं रोक सका है. इसके पीछे बस एक ही नाम है और वह है अमित शाह.