देहरादून (तेज समाचार प्रतिनिधि). शनिवार को बदरीनाथ के द्वार खुलते ही उत्तराखंड स्थित चारों धामों के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए. बदरीधाम के कपाट खुलने के साथ ही महामहिम प्रणब मुखर्जी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रद्धापूर्वक बदरीनाथ के दर्शन किए. लेकिन इससे पूर्व इन दोनों ने एक मिथक दरकिनार कर दिया है. बदरीनाथ के साथ एक मिथक सदियों से चला आ रहा था कि जो कोई भी बदरीनाथ मंदिर तक हेलिकॉप्टर से गया, उसकी सत्ता हमेशा के लिए चली गई या उसे कोई बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. बदरीधाम पहुंचने के साथ ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बदरीनाथ के उस मिथक को तोड़ दिया.
– मंदिर के ऊपर से उड़नेवालों की सत्ता चली जाती है
कहा जाता है की जो भी भगवन बदरीनाथ के मंदिर को ऊपर से होकर गुजरा उसकी सत्ता ही चली गयी. इससे पहले कई बार ऐसा हो चुका है कि राजनेताओं ने बदरीनाथ मंदिर के ऊपर से हवाई यात्रा की और उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. बदरीनाथ मंदिर के ऊपर से हवाई यात्रा कर अपनी सत्ता गंवाने वाले राजनेताओं में इंदिरा गांधी, नारायण दत्त तिवारी और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे राजनेता शामिल हैं. कहा जाता रहा है कि जिन्होंने भी बदरीनाथ धाम में तय मान्यताओं का उल्लंघन किया और उसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा है.
हालांकि, लोग इसे मिथक भी मानते हैं लेकिन राजनेता कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहते और इसलिए अबतक इस मान्यता का पालन करने की कोशिश सभी राजनेता करते रहे हैं.
पिछले दिनों चुनाव के समय में अमित शाह भी उत्तराखंड दौरे पर थे लेकिन पहले ही उत्तराखंड बीजेपी ने ये साफ़ कर दिया था कि अमित शाह का हेलिकॉप्टर मंदिर के ऊपर से नहीं जाएगा. लिहाजा वो मंदिर में वीआईपी हेलीपैड में ना जाकर सामान्य हेलीपैड पर ही उतरे. इससे पहले सत्ता में रहे हरीश रावत और दूसरे बड़े नेता भी कभी इस मिथक को दरकिनार नहीं कर पाए.
लेकिन इसबार जब महामहिम मंदिर में आए तो न केवल महामहिम ने बल्कि सीएम ने भी इस मिथक को दरकिनार किया. दोनों ही देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से उड़े और सीधे मंदिर के ऊपर से होकर वीआईपी हेलीपेड पर ही पहुंचे. इसी के साथ अब प्रदेश में चर्चा हो रही है कि कहीं ये कार्य करने से त्रिवेंद्र की सत्ता ख़तरे में न पड़ जाए.