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श्रीराम मंदिर के लिए बनाया जा रहा अष्टधातु का 2.1 टन वजन का घंटा

राजीव राय by राजीव राय
August 9, 2020
in Featured, देश
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श्रीराम मंदिर के लिए बनाया जा रहा अष्टधातु का 2.1 टन वजन का घंटा
एटा (तेज समाचार डेस्क). उत्तर प्रदेश में कारीगरों की एक टीम अयोध्या के राम मंदिर के लिए 2.1 टन (2100 किलो) वजनी घंटा बना रहे हैं. प्रदेश के एटा जिले के जालेसर कस्बे में हिंदू और मुस्लिम कारीगर मिलकर इस काम को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. कारीगरों का दावा है कि इस घंटे की आवाज 15 किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है.
– अंतिम चरण का काम जारी
दाऊ दयाल (50) इस अष्टधातु के घंटे को बनाने में लगे हैं. वहीं, इकबाल मिस्त्री (56) के पास इसकी डिजाइनिंग, ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग का जिम्मा है. दोनों ने बताया कि वह पहली बार इतने बड़े घंटे को बनाने में जुटे हैं. दयाल ने बताया कि जब आप इस आकार के घंटे को बनाते हैं, तो चुनौतियां भी बड़ी होती हैं। ऐसे में आप एक छोटी सी गलती की भी उम्मीद नहीं कर सकते. दयाल ने बताया कि जब आप इस आकार के घंटे को बनाते हैं, तो चुनौतियां भी बड़ी होती हैं.
**EDS: TO GO WITH STORY DEL35** Etah: Craftsman Dau Dayal works on a bell, weighing 2,100 kilograms for the Ram temple in Ayodhya, at a workshop, during unlock 3.0, at Jalesar of Etah district of Uttar Pradesh, Saturday, Aug 8, 2020. Dayal has been making bells of varied shapes and sizes for more than 30 years, but this time he and his team have surprised everyone by crafting a bell weighing 2,100 kilograms for the Ram temple in Ayodhya. The bell is not just brass but is made of ‘Ashtadhatu’, a combination of eight metals — gold, silver, copper, zinc, lead, tin, iron and mercury. (PTI Photo/Vijay Verma)(PTI09-08-2020_000051A)
अष्टधातु से किया जा रहा निर्माण
जालेसर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चेयरमेन और वर्कशॉप (जहां घंटा बनाया जा रहा है) के मालिक विकास मित्तल ने बताया कि घंटे का निर्माण अष्टधातु से किया जा रहा है. इसमें सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, लेड, टिन, और मरकरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. 25 लोगों की टीम करीब एक महीने से शायद देश के सबसे बड़े घंटों में से एक को बनाने में जुटे हैं. टीम में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोग शामिल हैं.
21 लाख रुपए का खर्च आया
विकास के भाई आदित्य मित्तल ने बताया कि हमारा मानना है कि कोई दिव्य कारण ही होगा, जिसकी वजह से यह काम हमें मिला. इसलिए हमने इसे मंदिर को दान करने का फैसला किया. इसमें 21 लाख रुपए का खर्च आया. इससे पहले मित्तल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 51 किलो का घंटा भेंट किया था, जब वह जनसभा के लिए पहली बार एटा आए थे. मित्तल को निर्मोही अखाड़े की ओर से इसे बनाने का ऑर्डर दिया गया था. अखाड़े की ओर से पिछले साल नवंबर में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद इसका ऑर्डर दिया गया था. 25 लोगों की टीम करीब एक महीने से इस काम में जुटी है. टीम में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोग शामिल हैं.
केदारनाथ और महाकालेश्वर के लिए भी बना चुके हैं
इससे पहले दयाल उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के लिए भी 101 किलो का घंटा बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा और भारी घंटा है, जिस पर हम काम कर रहे हैं. हम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के लिए भी 1000 किलो का घंटा बना चुके हैं. घंटा बनाने वालों की चौथी पीढ़ी के दयाल ने बताया कि स्कूल के लिए घंटियां बनाना उनके बिजनेस का हिस्सा है। उनका दावा है कि जालेसर की मिट्‌टी में बने घंटे की आवाज अन्य से बेहतर होती है. राम मंदिर के लिए बनाए जा रहे घंटे की आवाज 15 किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है.
Tags: अयोध्याअष्टधातूघंटायोगी आदित्यनाथश्रीराम मंदिर
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