भोपाल(तेज समाचार प्रतिनिधि). आज एक बात तो साबित हो गई कि मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन की आड में हुई हिंसा पूरी तरह से पूर्वनियोजित और राजनीतिक थी. इसके पीछे किसका हाथ है, यह बात भी अब खुल कर सामने आ रही है. शनिवार को मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मामा जी उर्फ शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में शांति बहाली एवं आंदोलनरत किसानों से चर्चा करने के लिए अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया. लेकिन अपने जनप्रिय और हितचिंतक मुख्यमंत्री का उपवास किसान सहन नहीं कर सके और आंखों में आंसू लिए शिवराज सिंह के पास पहुंच गए और उपवास तोड़ने की मार्मिक विनती की. बताया जाता है कि जो किसान शनिवार को मुख्यमंत्री से मिलने गए थे, वे आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार वाले थे. इस दौरान जो तस्वीर सामने आई वो दिल को पिघला देती है. मृत किसान के परिवार का एक शख्स जब सीएम से मिलने आया तो उसकी आंख से आंसू बह रहे थे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मृत किसानों के परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उपवास तोड़ने की अपील की है. सीएम शिवराज भी इस दौरान थोड़े भावुक नजर आए. शिवराज ने कहा कि उनसे सुबह से अब तक 251 किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों से उपवास स्थल पर बने कक्ष में अलग-अलग चर्चा की है. मंदसौर में पुलिस फायरिंग में छ किसानों की मौत हुई है. उपवास स्थल पर आंदोलन से पीड़ित परिवारजनों से भेंट की और उनकी पीड़ा एवं आंखों के आंसू देखकर मन अत्यधिक दुखी हो गया.
– अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे हैं शिवराज
चौहान ने इन प्रतिनिधियों से चर्चा करने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज मैंने किसानों के 236 बड़े संघठनों तथा 15 छोटे संघटनों से मिला और चर्चा की.’ मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन के दसवें दिन आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां दशहरा मैदान में ‘शांति बहाली के लिये’ अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे हैं और उन्होंने किसानों को यहां उनकी समस्याओं के समाधान के लिये आने का आहवान भी किया है.
उपवास नहीं तोड़ेंगे शिवराज
इन प्रतिनिधिमंडलों को मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने फिर कहा, ‘मैं तब तक अपना उपवास नहीं तोडूंगा, जब तक प्रदेश में शांति बहाली न हो जाये.’
– मंदसौर में हुआ था किसानों का आंदोलन
छह जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे, जिसके बाद किसान भड़क गये थे और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया तथा और हिंसक हो गया.
घायलों में से एक किसान ने शनिवार को दम तोड़ दिया. अपनी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने और कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया है.