स्वच्छ सर्वे रैंकिंग के विपरीत जामनेर के हालात
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): स्वच्छ भारत अभियान सर्वे मे अव्वल रैंक हासिल करने वाले जामनेर नगर पालिका की ग्राउंड रिएलिटी रिपोर्ट से बहुत अलग है ! पूरे शहर मे आवारा सुवरो का संचार , कचरा डेपो की बदहाली , सुरंगी नालियो का जमीन के अंदर दबा नंगा सच , सार्वजनिक शौचालयो की स्थिती ! कोरोना के नाम पर फंड के खर्च के अनुपात मे दिखाई पड़ता बेनतीजा प्रभाव यह तमाम बाते हर टैक्स पेयर शहरी अनुभव कर रहा है ! 200 करोड़ 300 करोड़ के चुनावी फंड से यह उम्मीद की जा सकती थी कि जामनेर भी शिरपुर या बारामती की तरह सुबे मे अपनी पहचान बनाने मे कामयाब रहेगा और ऐसा मुमकिन हो सका है केवल सर्वे रिपोर्ट मे ! इस सर्वे के बाद निगम को केंद्र सरकार से हमेशा की तरह 2 या 3 करोड़ का फंड मिल जाएगा ! आम जनता मे इस स्वछ सर्वे को भ्रष्ट सर्वे तक कहा जाने लगा है ! निगम मे विपक्ष खत्म किया जा चुका है ! पार्टी के नाम पर जो बचाकूचा विपक्ष है वह चुनाव आने के ठीक पहले जागता है ! कोरोना की जंग मे उपजिला सरकारी अस्पताल का कामकाज काफी अच्छा है ! कोरोना की टेस्ट के लिए आम आदमी बेझिझक सहयोग करता नजर आ रहा है ! तहसिल स्वास्थ अधिकारी डॉ राजेश सोनावणे अपनी टीम के साथ ग्रामीण इलाको मे टेस्टिंग और जनजागृती के काम मे जुटे है !
सवालो से घिरा फत्तेपुर राजमार्ग – एरंडोल से बुलडाणा जिले के वाघजाल तक के 100 की मी लंबे राजमार्ग का कामकाज बीते 6 महीनो से चल रहा है ! शायद पहली बार ऐसा हुआ होगा कि किसी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन मे माहिर ठेकेदार को सड़क निर्माण का टेंडर दिया गया है ! इस चमत्कार को प्रभावशाली नेताजी का आशीर्वाद कह सकते है ! आधी अधूरी सामग्री के साथ सड़क का काम बीते 6 महीनो से जारी है ! PWD के अधिकारी डेली विजिट को अपनी डयूटी मानकर चल रहे है ! इसी तरह से यह काम चलता रहा तो इसे पूरा होने मे लगभग 2 साल तो लग हि जाएगे !