जलगांव ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – प्रख्यात गायक कुंदन लाल सहगल का गाया गीत .. एक बँगला बने न्यारा, रहे कुम्ब जिस में सारा, सोने का बँगला, चंदन का जँगला, विश्वकर्मा के द्वारे, अति सुन्दर प्यारा प्यारा, एक बँगला … सबकी जुबान पर गूंजता है किन्तु यह सपना आधे से अधिक लोगों का साकार नहीं हो पाता. मोदी सरकार के प्रयासों से अब 9 साल के इंतजार के बाद रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) लागू हो गया. कानून पिछले साल मार्च में संसद में पास हुआ था. कानून को लेकर भ्रांतियां व जिज्ञासाएं पूरी करने के लिए जलगांव के ओम रियल एस्टेट कन्सल्टेंसी की और से आयोजित, जिला पत्रकार संघ की और से प्रायोजित कार्यशाला का आयोजन किया गया है.
महाराष्ट्र रेरा कानून कार्यशाला रविवार २३ जुलाई को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक जिला पत्रकार संघ के पद्मश्री भवरलाल जैन वातानुकूलीत सभागृह में संपन्न होगा. कार्यशाला में प्रथम सौ लोगों के पंजीकरण के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा . ओम साई रिअल इस्टेट कन्सल्टन्सी के संचालक रमेशकुमार मुणोत एवं जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष दिलीप तिवारी ने जानकारी दी की इस कार्यशाला में वरिष्ठ चार्टर्ड अकाऊंटंट दर्शन आर. जैन यह बिल्डर्स के आर्थिक व्यवहार के बारे में , वरिष्ठ कानून विशेषज्ञ के. बी. वर्मा यह महाराष्ट्र रेराकानून पर मार्गदर्शनकरेंगे .कार्यशाला में प्रश्न उत्तर का कार्यक्रम भी होगा.
ओम साई रिअल इस्टेट कन्सल्टन्सी के संचालक रमेशकुमार मुणोत ने बताया की इस नए कानून के तहत अब खरीददार बिल्डर की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते है. आरईआरए के लागू होने से हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता बढ़ेगी. लेकिन, इसे अब तक सिर्फ 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही लागू करने की अधिसूचना जारी की है. अभी रेरा नियमों को तीन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ही नोटिफाई किया है। जबकि उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और बिहार राज्य इस नियम के तहत अधिसूचित कर दिए गए हैं, वहीं अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली और लक्ष्यदीप केंद्र शासित प्रदेश इस नियम के तहत अधिसूचित कर दिए गए हैं। यह कानून आगामी एक अगस्त से लागू माना जायेगा.
रियल स्टेट एजेंट्स का रजिस्ट्रेशन जरूरी- रियल स्टेट एजेंट्स भी रेग्यूलेटरी अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड होंगे, सरकार को उम्मीद है कि ऐसे एजेंट्स के होने से धोखाधड़ी की संभावनाएं सबसे कम होंगी। ये एजेंट्स केवल वही प्रोजेक्ट बेच पाएंगे जो कि रजिस्टर्ड होंगे। वर्ष 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं प्रभावीकी गई हैं.
पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी- इस कानून के लागू होने के बाद, बिल्डर्स को प्रोजेक्ट से जुड़ी हर गतिविधि को पारदर्शी रखना होगा, पहले खरीददारों को केवल वही बातें पता होती थीं जो कि बिल्डर्स उन्हें बताते थे लेकिन अब संबंधित अथॉरिटी की वेबसाइट के जरिए प्रोजेक्ट से जुड़े सभी जरूरी और मामूली जानकारियों ग्राहकों को मिलती रहेंगी।
मनमानी करने वाले बिल्डर्स पर होगी कार्रवाई- यदि बिल्डर किसी तरह की मनमानी करता है, नियमों के विपरीत जाकर काम करता है तो इस पूरे रवैए को रेरा कानून का उल्लंघन माना जाएगा और इस कानून के उल्लंघन के लिए बिल्डर को भारी पेनल्टी या फिर जेल की 3 साल की सजा दिए जाने का प्रावधान है। कार्यशाला में इन बारीक विषयों पर मार्गदर्शन भी किया जाएगा. रियल एस्टेट कानून के मुताबिक, प्रॉजेक्ट की बिक्री सुपर एरिया पर नहीं बल्कि कॉरपेट एरिया पर करनी होगी, पजेशन में देरी होने या कंस्ट्रक्शन में दोषी पाए जाने पर बिल्डरों को ब्याज और जुर्माना दोनों देना होगा।
रविवार 23 जुलाई को होने वाली इस कार्यशाला के लिए जलगांव के अलावा धुलिया, नंदुरबार से भी उद्यमियों ने रूचि दिखाई है.