जलगाँव ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – महाराष्ट्र के जलगांव में गौ सेवा के व्रत के साथ बुद्धिजीवियों का समूह विगत कई वर्षों से जनजागरण कर रहा है. जिला न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में अपनी सेवायें दे रहे एडवोकेट विजय काबरा द्वारा प्रारंभ किये गए यह प्रयास अब इस नतीजे तक पहुँच गए हैं कि हाल ही में रमजान में स्थानीय मुस्लिम समाज ने भी कुरआन में बताये गए गाय के महत्त्व को इंगित करते हुए गौ सेवा की. शहर के पांजरापोल गौ सेवा केंद्र में एडवोकेट विजय काबरा के प्रयासों से एड. सलीम शेख के सहयोग से हज़रत बिलाल संगठन के अध्यक्ष अकील पहलवान , अकिल मास्टर, खलील पठान, जामिल शेख, फ़िरोज़ शेख, नाज़ीम शेख, फ़िरोज़ खान, आमिर खान आदि ने गौ माता की सेवा करते हुए चारा खिलाया. इस दौरान उपष्ठितों को पर्यावरण और गाय के महत्त्व से भी परिचित कराया गया.
एडवोकेट विजय काबरा ने जलगांव के प्रख्यात अहिंसा तीर्थ गौ अनुसंधान केंद्र से प्रेरणा लेते हुए वर्ष 2009 में सार्वजनिक रूप से गौ सेवा की शुरुवात की. शाकाहार प्रणेता रतनलाल सी बाफना द्वार स्थापित अहिंसा तीर्थ में लगभग छह हजार गायों का संगोपन देखकर सकारत्मक उर्जा का आभास लेते हुए एड. काबरा ने गौ सेवा एक अनुष्ठान विषय पर समाज प्रबोधन का कार्य प्रारंभ किया. अपने वकिली पेशे का भी उपयोग लेते हुए उन्होंने भरत देशमुख, संजय राने, पंडरीनाथ चौधरी, सुभाष तायडे, सतीश चव्हान, धनराज पाटिल, तुषार पाटिल, टी.आर.पाटिल आदि को पांजरा पोल ले जाकर गौ सेवा का व्रत दिलाया. विजय काबरा के गौसेवा जनजागरण अभियान से प्रेरित होते हुए महिला वकीलों ने भी आगे आते हुए सेवा व्रत लिया. एडवोकेट प्रेरणा कालुन्खे, ज्योति भोई, स्मिता झालते, वैशाली महाजन, कंचन शर्मा, पूनम गोस्वामी, स्वाति पाटिल ने भी गौ सेवा प्रारंभ करते हुए गाय को गुड – चने की दाल खिलाना प्रारंभ कर दिया.
जलगांव में चल रहे जनजागरण के इन प्रयासों से अब माहेश्वरी समाज के अलावा बहुत सारे संगठन जुड़ गए हैं. एडवोकेट काबरा ने बताया की गर्मी के चार महीने तक गाय को हरी घास मिल सके इसके लिए बहुत सारे लोगों को जोड़ते हुए योजना बनाई गई है. जनजागरण करते समय गाय के महत्त्व को बताया जाता है. धर्म अध्यात्म में गाय के महत्त्व के अलावा पर्यावरण की दृष्टी से गाय की उपयोगिता, गाय के मलमूत्र का उपयोग, गोबर से मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती का निर्माण आदि के बारे मं भी जानकारियाँ दी जा रही हैं.