मुंबई (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):महाराष्ट्र की जेलों में करीब 700 ऐसे विचाराधीन कैदी भी बंद हैं जिनकी जमानत तो हो चुकी है लेकिन वे इतने गरीब हैं कि जमानत की राशि जमा नहीं कर पाए हैं। राज्य सरकार ने पुलिस से ऐसे कैदियों की भी रिहाई की व्यवस्था करने को कहा है। सूबे की जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या से परेशान महाराष्ट्र सरकार ने आखिरकार छोटे-मोटे अपराधों के आरोपियों को छोड़ने का फैसला किया है। सरकार का यह कदम जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की समस्या के हल के लिए है।
पिछले महीने ही में भायकुला महिला जेल में कैदियों ने उपद्रव किया था जिसमें 6 जेल कर्मचारी घायल हुए थे। एक कैदी की मौत के बाद हिंसक जेल के भीतर हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया था। कैदियों ने कथित तौर पर जेल स्टाफ की पिटाई की थी।