दिल्ली. पिछले 40 सालों से रक्तदान कर रहे देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जगदीश खेहर को डॉक्टरों ने अब ब्लड डोनेट न करने की सलाह दी है. मुख्य न्यायाधीश खेहर 2011 से लगातार एम्स में रक्तदान कर रहे हैं. उनकी उम्र को देखते हुए अब डॉक्टरों ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी है.
जस्टिस खेहर हर तीन महीने के बाद रक्तदान करने एम्स पहुंच जाते थे. मुख्य न्यायाधीश जिंदगी भर रक्तदान करना चाहते थे, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें अब ब्लड डोनेट करने से मना कर दिया है. जानकरी के मुताबिक बुधवार को जस्टिस खेहर का आखिरी बार रक्तदान था. जस्टिस खेहर 65 साल के हो चुके हैं और 60 साल से ज्यादा के व्यक्ति को रक्तदान नहीं करना चाहिए.
जस्टिस खेहर को जानने वाले कहते हैं कि वे रक्तदान शिविरों में जरूर जाते थे. ब्लड डोनेट करने के बाद जस्टिस खेहर फिर काम पर लग जाते थे. 60 साल की उम्र के बाद डॉक्टरों ने उनसे ब्लड डोनेट करने से मना किया, लेकिन वे नहीं माने. लेकिन अब उम्र अधिक होने की वजह से उन्होंने यह फैसला लिया है. 18 से 60 साल का व्यक्ति रक्तदान कर सकता है बस उसका वजन 45 किलो से ज्यादा होना चाहिए.