अम्बिकापुर. पुलिस कुछ कर सकती है. किसी से कुछ भी उगलवाने के लिए पुलिस हैवानियत की सारी हदें पार कर सकती है. लुंड्रा पुलिस पर भी अमानवीयता के गंभीर आरोप लग रहे हैं. एक बेवा की कोख को गाली देने और बेवा के बेटे को थाने ले जाकर जानवरों जैसे पीटने का आरोप है. लड़के जावेद के शरीर के दाग खुद बयां कर रहे हैं कि उसे कितनी बुरी तरह पीटा गया है.
जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र में रहने वाली शबीना बानो जिनके पति का निधन हो चुका है, बेटे के सहारे ही अपनी जिन्दगी बिता रही हैं. लेकिन चोरी के इल्जाम में पूछताछ के लिए शबीना के बेटे जावेद को थाने लेजाया गया और वहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई. इतना ही नहीं जावेद की तलाश में उसके घर पहुंचे पुलिस वालों पर यह भी आरोप है कि बिना बाप के बेटे को नाजायज बताते हुए गालियां भी दी गईं.
इधर अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी बताते हुए जावेद का कहना है कि गांव में हुई चोरी की पूछताछ के लिए उसे और दो और लड़कों को थाने ले जाया गया था. उन दोनों युवकों को छोड़ दिया, लेकिन जावेद के कपड़े उतारकर उसे अलग रखा गया था, जहां उसे बड़ी बेरहमी से पीटा गया. जबरन गुनाह कुबूल करने की बात कहकर जावेद को पीटा जा रहा था.
वहीं इस मामले में लुंड्रा थाना प्रभारी खुद को अनजान बता रहे हैं क्योंकि साहब छुट्टी पर थे, लेकिन उनके स्टाफ के द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी उन्हें नहीं है. वो सिर्फ इतना जानते हैं कि पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
बहरहाल मामला गांव में हुई चोरी का है जिसकी जांच का अधिकार पुलिस को है लेकिन इस थाने के पुलिस वाले तो आरोपी और अपराधी खुद तय करने लगे हैं, और सजा भी देने लगे हैं. तभी तो गुनाह साबित होने से पहले ही बेगुनाह जावेद को सजा दी गई. वो भी ऐसी सजा जो शायद कोर्ट भी नहीं देता. अब बेगुनाही में मिली इस सजा के खिलाफ जावेद की मां रो-रो कर न्याय मांग रही हैं.