पुणे. मित्र पशुओं में कुत्ता एक ऐसा प्राणी है, जो सदा से ही मनुष्य के दोस्त के रूप में जाना जाता है. जीवन के बुरे दिनों में भले ही हमारा अपना कोई साथ छोड़ कर चला जाए, लेकिन कुत्ते कभी साथ नहीं छोड़ते. लेकिन फिर भी कुत्तों के साथ अमानवीय कृत्य की शर्मनाक घटनाएं अक्सर देखने-सुनने को मिलती है. गत दिनों किसी अरब देश में एक व्यक्ति ने बहुमंजिला इमारत से अपने कुत्ते को सिर्फ मजे के लिए नीचे फेंक दिया था. कुछ दिन पूर्व की घटना है, कि आंध्रप्रदेश के एक शहर में किसी सिरफिरे ने कुत्ते के पिल्लों को जिन्दा जला दिया और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. ऐसी ही एक अमानवीय घटना पुणे के बाणेर परिसर में सामने आयी है. बाणेर के पैनकार्ड रोड पर एक बस्ती में किसी व्यक्ति ने 4 आवारा कुत्तों को जिन्दा जला दिया और 16 कुत्तों को जहर देकर उनकी हत्या कर दी.
एक अंग्रेजी दैनिक में इस घटना के प्रकाशित होने के बाद एएसीटी इंडिया नामक एनजीओ के सदस्यों ने घटनास्थल पर जा कर मृत कुत्तों के जली और सड़ी हुई लाशों को कब्जे में लिया. एनजीओ की नीना राय ने बताया कि हमें जब इस घटना की जानकारी मिली, तब हमने यहां पर आ कर देखा. कुत्तों की लाशों को देख कर लगता है कि जिन चार कुत्तों को जलाया गया है, उन कुत्तों को पहले रस्सी से बांध कर काफी दूर तक घसीट कर ले जाया गया और फिर उन्हें जिन्दा जला दिया गया. नीना राय ने बताया कि इस घटना की जानकारी पुणे पुलिस को देने के बाद पुलिस ने घटनास्थल जा कर कुत्तों के शवों का पंचनामा किया. कुछ कुत्तों के सिर्फ ढांचे ही मिले है. इससे यह कह पाना मुश्किल है कि कुल कितने कुत्तों की हत्या की गई है. सभी कत्तों की लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.
बुधवार 4 अक्टूबर को इन सभी लाशों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पुलिस मिलनी थी, लेकिन शाम तक पुलिस को यह रिपोर्ट नहीं मिली थी. चतु:श्रृंगी पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक दयानंद ढोमे ने बताया कि हमें जब इस घटना का पता चला, तब हमने घटनास्थल जा कर कुत्तों की लाशों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. लेकिन अभी यह कह पाना मुश्किल है कि इनकी किसी ने हत्या की है या फिर ये किसी दुर्घटना का शिकार हुए है. क्योंकि जंगल में कचरे के ढेर में आग लगने से भी इनकी मौत हो सकती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी. पुलिस घटना की जांच कर रही हैं.
– देसी कुत्तों के साथ ऐसी अमानवीयता क्यों?
कई लोग कुत्तों के शौकीन होते है. लेकिन ये लोग देसी कुत्तों की बजाय विदेशी कुत्ते पालना पसंद करते है. जबकि देसी कुत्ते भी काफी समझदार और भरोसेमंद होते है. कई लोगों का अनुभव है कि जो लोग कुत्तों को नित्य नियम से रोटी डालते है, कुत्ते उनके प्रति स्वाभाविक रूप से वफादार बन जाते है. वफादार बनने के बाद ये कुत्ते आपके घर-दुकान की बड़ी ही शिद्दत के साथ रखवाली करते है. कई घटनाएं ऐसी है, जिसमें इन्हीं आवारा कुत्तों ने कई बड़ी-बड़ी घटनाओं को होने से रोका है. लोगों को चाहिए कि आवारा कुत्तों से नफरत करने की बजाय उन्हें अपना दोस्त बनाए. क्योंकि कुत्ते सिर्फ मानव बस्ती में ही रहते है और उनके सबसे अच्छे दोस्त होते है.