जलगांव. डिजीटल महाराष्ट्र साकार करने के लिए २७ हजार ग्रामपंचात के संगणक परिचालकों का २० माह से दिया आश्वासन की पूर्तता ना करने से सभी संगणक परिचालक २५ सितंबर से बेमुदत कामबंद अनशन कर रहे हैं. इस बीच सरकार ने निर्णय ना लेने से १२ अक्टुबर से राज्य के पंचायत समिती एवं जिला परिषद के सामने आमरण अनशन करने की जानकारी राज्यअध्यक्ष सिद्धेशन मुंडे ने दी. सरकार ने राज्य के कर्जदार किसानों को ऐतिहासिक कर्जमाफी योजना की घोषण की और उनके ऑनलाईन फॉर्म रातदिन भरने का काम इसी ग्रामपंचायत के संगणक परिचालकों ने ६ माह से मानधन नहीं होते हुए किया. किसानों को परेशानी ना हो इसलिए कर्जमाफी के फार्म भरने के कालावधी में संणग परिचालकों ने आंदोलन नहीं किया. लेकिन सरकार को सही मायने में डिजीटल महाराष्ट्र करनेवाले संगणक परिचालकों पर ध्यान ना देने से २५ सितंबर से बेमुदत कामबंद आंदोलन शुरू किया था. विगत संग्राम प्रकल्प का नाम बदलकर सरकार ने अपनी सरकार केंद्र यह प्रकल्प शुरू किया था. लेकिन इस प्रकल्प में सभी संगणक परिचालकों को काम पर लेने सहित निश्चित मानधन ६००० माह देने का सरकार ने मान्य करने का निर्णय लिया था. लेकिन इसमें एक से जादा ग्रामपंचायत के क्लस्टर तयार करके अपनी सरकार सेवा केंद्र करनेसे राज्य के अनेक संगणक परिचालकों को अपनी नौकरी गवानी पडी हैं. तथा टास्क कन्फर्मेशन नाम के निचे संगणक परिचालकों के मानधन में घट की जा रही हैं. पिछले ६ माह से संगणक परिचालकों को मानधन ना मिलने सेउनपर भूखे रहने का समय आया हैं. सरकार की ओर से आश्वासन की पूर्तता ना होने से राज्य के सभी अपनी सरकार सेवा केंद्र बंद रखकर संगणक परिचालक आंदोलन कर रहे हैं. यह सभी ग्रामपंचायत संगणक परिचालकों को अपनी सरकार सेवा केंद्र प्रकल्प मे लेना, टास्क कन्फर्मेशन की शर्त बंद करके निश्चित ६ हजार मानधन मिलना चाहिए, पिछले कट किया हुआ मानधन मिले, नागरीकों को दिया जानेवाले प्रमाणपत्र में ६० प्रतिशत कमिशन मिले, महाऑनलाईन से मानधन मिले, संगणक परिचालकों को सामाजिक सुरक्षा देना चाहिए, बिना कारण से काम से कम किए संगणक परिचालकों को फिर से काम पर लिया जाए, आदि सहित विविध मांगो के लिए आंदोलन करने की जानकारी राज्यअध्यक्ष सिद्धेशर मुंडे ने दी.