जलगांव (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):जलगांव एसटी कर्मचारीयों को सातवां वेतन आयोग लागु करे, पदनिहाय वेतन श्रेणी मिले, चालक-वाहक कर्मचारीयों को गणवेश मिले आदि प्रमुख मांगो के लिए महाराष्ट्र स्टेट ट्रान्सपोर्ट एसटी कामगार संगठन एवं इंटक संगठन के माध्यम से देररात १२ बजे से हडताल पुकार ने १७ अक्टुबर की सुबह से ही जलगंाव बस डेपो में विविध संगठनों का समर्थन दर्शाया गया। इसलिए जलगांव बस डेपो में सन्नाटा छाया हुआ था। इस हडताल से यात्रीयों को बस डेपो से वापस जाने की नौबत आयी थी। इस हडताल पर त्यौहारों के दिनों में कर्मचारीयों ने बंद करने से यात्रीयों ने नाराजगी व्यक्त की हैं। तथा दूर आने-जाने के लिए गाडीयां शुरू रखने चाहिए थे। ऐसा यात्रीयों का कहंना हैं। इस हडताल की वजह से जलगांव विभाग का २४ घण्टों में ६० से ७० लाख रूपयों का नुकसान हुआ हैं। एसटी महामंडल को बड़ा नुकसान होने की आशंका हैं। त्यौहारों के दिनों में यात्रीयों की संख्या जादा रहती हैं, इसलिए हडताल शुरू रही तो जलगांव विभाग को करीब १ करोड रूपए का नुकसान होने का अदांज हैं।
पूरे राज्य में कामगार संगठनों ने देररात से हडताल शुरू की हैं। लेकिन जलगांव बस डेपो में सुबह तहसिल रावेर एवं चोपडा बस डेपो की बस आयी थी। रावेर से औरंगाबाद, चोपडा से बुरहानपूर आदि गाडीयां जलगांव बस डेपो से छोडी गई थी। लेकिन रावेर से छोडी गई रावेर से औरंगाबाद बस को जामनेर डेपो में ही रूकाई गई हैं, ऐसा एक कार्यकर्ता ने जानकारी दी।
१ हजार फेरे रद्द, ७० लाख का नुकसान
जलगांव डेपो सहित १५ तहसिल के डेपो से करीब १ हजार से जादा बस फेरे होती हैं। जलगां विभागीय जानकारी के अनुसार ११.३० बजे से ८१९ बस फेरे र्दद किए गए हैं। इसलिए बेमुदत हडताल से ६० से ७० लाख का नुकसान एसटी महामंडल को सहन करना पडेगा।
जब तक मांगे पूरी नहीं की जाती तब हडताल शुरू
संगठन के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कर्मचारीयों के प्रमुख मांगो के लिए मिटींग की थी। लेकिन मांगो मान्य करने ेसे इन्कार करने से कामगार संगठना सहित इतर संगठनों को हडताल करनी पड रही हैं। जब तक मांगे पूरी नहीं की जाती तब हडताल शुरू रखने-इंटक संगठन के विभागीय सचिव नरेंद्रसिह राजपूत
इस हडताल से यात्रीयों को परेशानी हो रही हैं। सुबह से ही निजी वाहन भी नहीं होने से ४ से ५ घण्टे यहंा रूकना पड रहा हैं। त्यौहारों के दिनों में हडताल नही करनी चाहिए थी – यात्री योगेश पाटील, एरंडोल
माह भर की पास होने से पास की भरपाई कोन करेगा, तथा बस बंद होने से ग्रामीण इलाकों में जाते समय बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं -यात्री मुकेश चौधरी, झुरखेडा