श्रोगोंडा तालुका के घोडगांव के सागर शंकर निंबोरे (30) ने 27 मई की रात कर्जत पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उसने शिकायत की कि दोपहिया वाहन पर सवार दो लोगों ने उसे कर्जत तालुका के दुरगांव फाटा में रोका और उसके साथ मारपीट की और उसका मोबाइल फोन और एक लाख रुपये चुरा लिए। निंबोरे की शिकायत और व्यवहार पर पुलिस इंस्पेक्टर चंद्रशेखर यादव को शक हुआ। इसलिए उन्होंने अपने सहयोगियों को अपराध के सभी पहलुओं की जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस की एक टीम मौके पर गई। हालांकि, वहां बहुत कुछ हाथ नहीं लगा। इसलिए श्रीगोंडा पुलिस से निंबोरे के बारे में जानकारी हासिल की। मामले की जांच सहायक पुलिस निरीक्षक सुरेश माने को सौंपी गई। निंबोरे पर हत्या, डकैती, धोखाधड़ी और चोरी के आरोप की जानकारी मिली। शिकायत दर्ज कराते हुए निंबोरे ने बार-बार कहा था कि उसके मामा गोरख नाभाजी दरेकर पर संदेह है। इसलिए पुलिस ने मामा के घर जाकर जांच करने का फैसला किया।
पुलिस श्रीगोंडा तालुका के घोडेगांव में निंबोरे को उसके मामा के घर ले गई। वहां मामी नंदाबाई दरेकर मिली। उन्होंने अलग ही जानकारी दी। निंबोरे 25 मई को दरेकर के घर आया था और उसने मोबाइल फोन चोरी करने के बहाने दरेकर के बेटे दीपक की पिटाई कर दी थी। उसने पुलिस को अपनी चोटें भी दिखाईं। मोबाइल के लिए घर की तलाशी भी ली थी। पुलिस द्वारा आगे की जांच करने पर पता चला कि उसके मामा और मामी खेत के हिस्से का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिससे उसे गुस्सा आया। इसी गुस्से में उसने मामा को फंसाने की कोशिश की। जब जांच चल रही थी, तभी निंबोरे ने महसूस किया कि उसकी भांडा फूट गया। पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा कर पुलिस को काम पर लगाने का मामला दर्ज किया।
ऐसा बिछाया जाल
सड़क पर डकैती की शिकायत दर्ज कराने के लिए जाने से पहले निंबोरे ने बैंक से पैसे निकाले ताकि शिकायत सही लगे। इसका मतलब है कि पैसा चोरी हो गया ऐसा कहा जा सके। लेकिन सही मायने में उसने पैसे अपने एक रिश्तेदार के पास रखे थे। उसने जाल बिछाने से पहले चुपके से अपने मामा के घर मोबाइल फोन रखा था ताकि उसकी जांच की जा सके और पकड़ा जा सके। हालांकि पुलिस को शक हुआ और मामी के जवाब से निंबोरे का भांडा फूट गया। अब वही वारदात में फंस गया। पुलिस ने उसने झूठी लूट की शिकायत की थी। परिजनों को परेशानी ऐसी भावना को ध्यान में रखते हुए उसने पुलिस को झूठी सूचना दी। आरोप है कि उसने झूठे सबूत गढ़े और महाराष्ट्र सरकार को उसके समय और वित्तीय संसाधनों से धोखा देने की कोशिश की। पुलिस अधिकारी पांडुरंग भंडवलकर को जांच सौंप दी गई है और पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।