जामनेर( नरेंद्र इंगले):स्वाईन फ्लू से दो महीने पहले मौत का शिकार बनी गर्भवती सुनंदा गानार और उनके कोख मे पल रहे भ्रुण तथा कुछ ही अंतराल मे डेन्गू का निशाना बने मादनी निवासी गद्दावर सहकार नेता भरत दलपत पाटील इन तीन शख्सीयतो की मौत घटनाओ से लोगो का ध्यान अभी बंटा ही नही कि फीर एक बार डेन्गू ने बिल्कूल रहस्यमयी ढंग से शहर के रीहाईशी ईलाको मे पैर जमाना शुरु कर दिया है ! अब ताज्जुब की बात है डेन्गू का जीव बिल्कूल साफसुथरे पानी मे पनपता है वह भला मुफीद नालियो के अभाव से कालोनीयो के खुले मैदानो पर रीस रहे गंदे डबरे मे कैसे जिवन हासिल कर सका ! पुरे सिटी की तकरीबन 50 हजार आबादी की सेवा मे अंदाजन 40 निजी अस्पताल कार्यरत है !
सरकारी होस्पीटल कि बात करे तो वहा के प्रशासन के पास एहतीहातन तौर पर कभी भी पर्याप्त दवाईयो का स्टाक उपलब्ध नही हो सका है यही संदेहस्पद तर्कवाद को पुख्ता करने के लिए काफ़ी है ! अब बात आंकडो कि करे तो सुत्रो के मुताबीक मौजुदा स्थिती मे सभी निजी अस्पतालो मे कम से कम 200 मरीज डेन्गू से पिडीत है कई जलगाव मे भर्ती है ! अन्य संक्रामक बुखार से फनफनाने को विवश है ! पहले तो टायफ़ाईड का और फीर सफेद कोशिकाओ की कमी का बाद मे डेन्गू पोसिटीव का रीपोर्ट मरीजो को थमाया जा रहा है ! बरसो बाद महाजन के रुप मे क्षेत्र को प्राप्त स्वास्थ चिकीत्सा शिक्षा का मंत्री पद 3 सालो बाद भी जमीनी हकिकत के चलते बेअसर दिखाई पड रहा है !
पहले ही सुखे की मार झेल रहे और खेती उत्पादो की कई समस्याओ से जुझ रहे कीसानो , मजदुरो एवम छोटे व्यापारीयो की दिवाली आर्थिक बदहाली से व्यापकता से रौशन नही हो सकि है और उसमे कथित डेन्गू और अन्य बिमारीयो की वजह से जमापूँजी को लग रही चपत से लोगो मे बेहद गुस्सा तो है लेकिन व्यक्त कीस पर करे यह भी उनमे संभ्रम है ? बहरहाल पुरे मामले पर निगम प्रशासन बुनीयादी निर्माण कार्यो के ठेको मे इस कदर मुह मुंदे बैठा है की मानो करदाता आवाम को वह सबकुछ जुमले और हकीकत का आईना आनेवाले समय मे उपहार मे देंगी , अलबत्ता मानो सार्वजनीक साफसफ़ाई आज कि तारीख मे निगम का अजेंडा तो है लेकीन केवल कागजी खानापूर्ती के लिए !