धुलिया (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):पुलिस की ओर स मंगलवार की बीती शाम को जुवारियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दावे किए गए है। अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एक विशेष अभियान की शुरुआत जुवा , सट्टा कारोबारियों के खिलाफ की गई है। इसके तहत पहले दिन कई स्थानों दबिश दी गई, जिसमें 32 सटोरियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके अलावा शहर के सटोरियों की सूची बनाई जा रही है। बता दें कि खाकी और खादी की सह पर जिले में सट्टे का अवैध कारोबार दिनो दिन पनपता जा रहा है। गली मोहल्ले से लेकर पाश कालोनियों के बाद अब सट्टे की जड़े ग्रामीण इलाकों तक पहुंच गई है।
पुलिस ने अवैध सट्टा कारोबारियों पर दी दबिश
“तेज़ समाचार” ने अवैध कारोबार को दिए जा रहे संरक्षण को लेकर समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद पुलिस अफसरों ने इसका संज्ञान लिया है। पुलिस अपर अधिक्षक विवेक पानसरे ने औपचारिक ही सही, लेकिन शुरुआत सख्त दावों के साथ की है। सोमवार को सट्टा कारोबारियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया। जिसमें पांच सट्टा चलाने वाले मालिकों के खिलाफ स्वतंत्र अपराध पंचीकरण कराया गया है । जिस में शहर पुलिस स्टेशन में एक देवपुर पुलिस स्टेशन में एक तथा पश्चिम पुलिस स्टेशन अंतर्गत एक कारवाई की गई हैं।
पांच सट्टा कारोबारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
शहर कोतवाली पुलिस ने की कारवाई मे धीरज परदेशी के कब्जे में से चार हजार पचास रूपेय की नकदी दूसरे जूवारी कैलास कोळवले के कब्जे में से तीन हजार 8 सौ रूपेय की नकदी बरामद की गई है ।
देवपूर पोलीस स्टेशन के अंतर्गत कैलास चौधरी के जुवा अड्डे पर दबिश दी गई जिसमें चौधरी के कब्जे से पुलिस ने चार हजार 1 सौ बीस रुपये की नक़दी रक़म के अलावा 20 हजार रुपये नकद और 34 हजार रुपये के नो मोबाइल फोन जब्त किया गया है ।
प्रवीण मिस्तरी के अड्डे पर पुलिस ने दबिश देकर 14 हजार 3 सौ बीस रूपेय की नकदी बरामद करने में सफलता प्राप्त की है । कैलास कोळवल के कब्जे में से 5 सौ 15 रुपये नकद तथा दो हजार रुपये का एक मोबाइल फोन जब्त किया गया पांचों सट्टा कारोबारियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
अपर पुलिस अधीक्षक श्री पानसरे के निर्देश पर नये सिरे से सटोरियों की सूची बन रही है। सटोरियों के क्लब को पनाह देने वालों पुलिस कर्मियों पर नजरें नहीं हैं, नतीजा चाहे कुछ भी रहे, लेकिन शुरुआती कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सट्टेबाजों पर सख्ती करने का दावा किया है। सवाल यह है कि सटोरियों के अलावा उनको संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मियों से नजरें फेर ली गई हैं। उन पर कार्रवाई को लेकर कोई खाकी के आला अफसरों ने कोई गाज नही गिराई हैं । सूची तक न सिमट जाए कार्रवाई वैसे तो सूची कई बार बनाई जा चुकी है। लेकिन इस बार अपर पुलिस अधीक्षक पानसरे की ओर से दावे खुलकर किए जा रहे है। समय ही तय करेगा कि कितने प्रतिशत धुलिया ज़िले सहित शहर मे अवैध कारोबार पर पुलिस लगाम कसने मे कामयाब होती है
“तेज़ समाचार “ को और तेज़ बनाने के लिए पोस्ट को LIKE & SHARE जरुर करे