• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

मनोज अम्बिके की मराठी भाषा में प्रकाशित “कर्णपुत्र आणि अस्त्र ” उपन्यास ने मचाई धूम

Tez Samachar by Tez Samachar
June 14, 2025
in Featured, पुणे, विविधा
0
मनोज अम्बिके की मराठी भाषा में प्रकाशित “कर्णपुत्र आणि अस्त्र ” उपन्यास ने मचाई धूम

पुणे ( प्रतिनिधि ) – पुणे के प्रख्यात मराठी लेखक व माय मिरर प्रकाशन संस्थान MyMirror Publishing के  संचालक मनोज अम्बिके की मराठी भाषा में प्रकाशित “कर्णपुत्र आणि अस्त्र “ उपन्यास के प्रकशित होते ही पहला संस्करण हांथों हाँथ बिक गया. मनोज अंबिके द्वारा लिखित, बहुप्रतीक्षित “कर्णपुत्र और अस्त्र” यह रोमांचक पौराणिक उपन्यास अब उपलब्ध है.

लेखक मनोज अम्बिके ने बताया कि पुस्तक में सूत पुत्र कर्ण से लेकर योद्धा कर्ण तक के संघर्षकारी सफ़र को रोमांचित तरीके से प्रस्तुत करते हुए कर्ण के पात्र को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है. “कर्णपुत्र आणि अस्त्र “ उपन्यास का पहला संस्करण पाठकों के हांथों में जाते ही पुस्तक प्रेमियों को कर्ण पात्र को विविधता के साथ जानने  की उत्सुकता बढ़ रही है.

जल्दी ही “कर्णपुत्र आणि अस्त्र “ उपन्यास का दुसरा संस्करण बाजार में व ऑनलाइन प्लेटफोर्म पर उपलब्ध होगा. लेखक मनोज अम्बिके ने बताया कि  फ़िलहाल अमेजन पर पुस्तक उपलब्ध है. जिसकी लिंक “कर्णपुत्र आणि अस्त्र ”  पर क्लिक करके प्राप्त की जा सकती है.

मराठी भाषा में प्रकाशित “कर्णपुत्र आणि अस्त्र ” उपन्यास से लिए गए कुछ अंश – 

“आचार्य, आपने मुझे सिखाने से इनकार क्यों किया?”

आचार्य शांत थे। कुछ क्षण ऐसे ही बीत गए।

“युगंधर कहाँ है? क्या आपने उसे कहीं भेजा है? आखिर चल क्या रहा है? कोई मुझसे बात क्यों नहीं कर रहा?” वह एक के बाद एक सवाल पूछ रहा था।

लेकिन आचार्य अब भी शांत थे।

“सुवेध, एक गहरी सांस लो…” आचार्य ने अपना मौन तोड़ा। “तुम जैसा शिष्य मिलना किसी भी गुरु का सौभाग्य होता है। मैं तुम्हें अस्वीकार नहीं कर रहा हूँ। लेकिन मेरे मन में कुछ और ही योजना चल रही है। तुम्हारी क्षमताओं का सही उपयोग हो सके, इसके लिए तुम्हें उसी स्तर के गुरु की आवश्यकता है। मैं तुम्हें शस्त्र विद्या में निपुण बना सकता हूँ, लेकिन तुम्हारी असली क्षमता अस्त्रों पर अधिकार पाने की है। उसके लिए तुम्हें उचित स्थान पर जाना ही पड़ेगा।”

“अस्त्र?” सुवेध के स्वर में प्रश्न था।

“शस्त्र एक कला है, एक कौशल है। लेकिन अस्त्र एक विद्या है। शस्त्र का कौशल तो सीखा जा सकता है, लेकिन अस्त्र विद्या प्राप्त करने के लिए उचित गुरु चाहिए। और इसे पाने के लिए तुम्हें बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। लेकिन…” इतना कहकर शैलाचार्य फिर शांत हो गए।

कुछ समय तक शांति छाई रही।

“क्या आचार्य?” सुवेध को यह शांति असह्य लग रही थी।

“कुछ प्रश्नों के उत्तर मिले बिना मुझे आगे का मार्ग नहीं दिख रहा और तुम्हें किसके पास भेजना है, इसका संकेत भी नहीं मिल रहा।”

Tags: manoj ambikeMyMirror PublishingPune News
Previous Post

Kainchi Dham Foundation Day 2025: 15 जून को कैंची धाम में उमड़ेगा श्रद्धा का सैलाब

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.