नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). भारतीय रेल अपने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है. इसी कारण रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा एयरपोर्ट की तर्ज पर मजबूत करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए यात्रियों को हाईटेक सुरक्षा घेरों और सुरक्षा बलों की निगरानी चौकियों से गुजरना होगा. यह प्रक्रिया पूरी करते वक्त उन्हें ट्रेन तक पहुंचने में देर ना हो, इसलिए उन्हें ट्रेन छूटने से करीब 20 मिनट पहले स्टेशन आना होगा. शुरुआती दौर में यह व्यवस्था इलाहाबाद और कर्नाटक के हुबली स्टेशन पर लागू की गई है. रेलवे ने 202 स्टेशनों पर इस तरह की सुरक्षा के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि इन सभी स्टेशनों पर इलाहाबाद व हुबली की तरह से सुरक्षा घेरा काम करेगा. इसमें रेलवे स्टेशनों को पूरी तरह से सील किया जाएगा. रेलवे की रणनीति है कि स्टेशन पर प्रवेश के सारे रास्तों को चिन्हित करके बंद किया जाए.
– हाईटेक सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे
एयरपोर्ट की तरह से यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर घंटों पहले आने की बाध्यता नहीं होगी. उन्हें केवल 20 मिनट पहले ही पहुंचना होगा, जिससे सुरक्षा जांच की तरह से उन्हें देर न हो. तकनीक और सुरक्षा बलों के जरिये यात्रियों की किसी भी प्रवेश द्वार पर जांच होगी. महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि प्रवेश द्वारों पर तकनीकी जांच को बढ़ावा दिया जाने की योजना है. इससे जवानों का बोझ काफी कम हो सकेगा. 2016 में बने इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम (आईएसएस) के तहत सुरक्षा घेरा तैयार किया जा रहा है.
– देश के 202 रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा होगी मजबूत
आईएसएस के तहत 202 स्टेशनों का सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए 385.06 करोड़ रुपये खर्च होंगे. स्टेशनों पर सर्विलांस सिस्टम को मजबूत किया जाएगा. यात्री के स्टेशन में घुसने से पहले बहु स्तरीय जांच की जाएगी, जिससे पीक आवर्स में स्थिति अनियंत्रित न हो. स्टेशनों पर वांछित अपराधियों की पहचान के लिए एक सॉफ्टवेयर भी इस्तेमाल होगा. यह जवानों को अलर्ट कर देगा, जिससे आरपीएफ का कमांड सेंटर एक्टिव होकर अपराधी की धरपकड़ कर सकेगा. 8 से 9 यात्रियों में से किसी 1 की अचानक जांच जवान इसमें करेंगे.