स्वास्थ मंत्री के दौरे के बाद हरकत मे आया प्रशासन : जिलाधिकारी को क्लीन चिट ?
जलगांव (नरेंद्र इंगले ): जलगांव जिले मे कोविड 19 से होनेवाली मौतो का ग्राफ सबसे अधिक है ! खबर लिखने तक संक्रमित 1000 और मरने वालो की संख्या 100 पार कर चुकी है !
कुछ दिनो पहले जलगांव पहुचे राज्य के स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे ने स्थिती को नियंत्रण मे लाने के लिए कई अहम फैसले लिए ! जिलाधिकारी डॉ अविनाश ढाकणे ने समय रहते कदम उठाए होते तो आज जलगांव देश मे हॉट स्पॉट नही बनता ! स्वास्थ मंत्री से यह उम्मीद थी कि सरकार की ओर से वह डॉ ढाकणे की जगह किसी अन्य जिलाधिकारी के नियुक्ति के बारे मे कोई संकेत दे देते ! मंत्रीजी के आदेश अनुसार कोविड के लिए साकेगांव का मेडिकल कॉलेज आरक्षित किया गया ! जिला अस्पताल को फिर से जनरल अस्पताल मे तब्दील किया गया ! शहर के एक निजी अस्पताल को कोविड के लिए संपादित किया गया है ! सभी निजी असपतालो को सेवा बहाल करने के आदेश दिए गए ! टास्क फोर्स का गठन किया गया वगैरा वगैरा ! जब मंत्रीजी अहम फैसले ले रहे थे तब विपक्ष के नेता गिरीश महाजन मीडिया के माध्यम से सरकार को कोस रहे थे महाजन को बाद मे सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया ! महाजन के गृहक्षेत्र जामनेर मे 10 से अधिक कोरोना पोसिटिव केसेस सामने आए है यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है ! टोपे के दौरे मे कोविड मे इजाफे के लिए कई राजनीतिक पहलूओ को जिम्मेवार ठहराया गया जैसे कि जिला प्रशासन पर सरकार का नही विपक्ष का प्रभाव है ऐसे आरोप भी लगाए गए ! कोरोना के बढ़ते मामलो के लिए जिलाधिकारी और जिला अस्पताल के डीन की लापरवाही मुख्य वजह रही है !
हरकत मे आया प्रशासन – मंत्रीजी द्वारा जिला प्रशासन को लाइन हाजिर किए जाने के बाद 5 जून की रात 8 बजे जिलाधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षक ने जामनेर मे आकर कंटेनमेंट झोन का मुआयना किया ! तहसिलदार तथा नगर परिषद के CO को लताड़ा कमियो खामियो को लेकर दोनो की क्लास ली ! इसी दिन दोपहर तहसिल प्रशासन ने प्रांत अधिकारी की अध्यक्षता मे बैठक की थी ! याद कीजिए अमलनेर का पहला पोसिटिव मामला 67 दिन की लंबी तालाबंदी और आज 73 दिन बीत जाने के बाद जिले की हो चुकी भयानक स्थिती इस सब के लिए जिलाधिकारी को जिम्मेदार क्यो नही माना जाना चाहिए ! आज भी जिले मे स्थानीय इकाइयां और जिला प्रशासन के बीच रत्तीभर समन्वय नही है निचले अधिकारी अपने अधिकार मे कुछ भी नया फ़रमान जारी कर देते है और परेशानी पुलिस को उठाना पड़ती है ! वक्त का तकाजा कहता है कि जिलाधिकारी डॉ अविनाश ढाकणे की छुट्टी कर उनकी जगह किसी अनुभवी IAS अफसर की नियुक्ति की जानी चाहिए !