SIT की दबीश के बाद जामनेर से कई घपलेबाज हो गए चंपत
जामनेर ( नरेंद्र इंगले): BHR संपत्ती निलामी घोटाले के मामले मे SIT ( स्पेशल जांच टीम ) ने 17 जून को जामनेर से पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के खासमखास कार्यकर्ता जितू पाटील , छगन झालटे और राजेश लोढ़ा को गिरफ्तार किया उसके तुरंत बाद जामनेर से ऐसे कई धन्नासेठो और घपलेबाजो के रफूचक्कर होने की खबर आ रही है जिनका परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप से इस मामले से संबंध है . वैसे 40 हजार की आबादी वाले जामनेर शहर की जनता के बीच इन फरार लोगो के बारे मे सार्वजनिक रूप से खुलकर चर्चा की जा रही है . जो लोग चंपत हो चुके है वह सभी पार्टी तथा नेता विशेष के बेहद करीबी हमराज है . इसके अलावा जो कथित लाभधारक घोटाले से कही न कही जुड़े है वह अपने वकीलो से संपर्क कर गिरफ्तारी से बचने के कानूनी परामर्श पर मंथन मे डटे है . मामले मे गिरफ्तार तीनो अभियुक्तो को कोर्ट ने 6 दिनो की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है . सूत्रो के हवाले से यह खबर भी आ रही है की इसी महीने के अंत तक अत्यंत प्रभावशाली हस्तियो को हिरासत मे लिया जाना है . BHR मे हुए 12 हजार करोड़ रुपयो से अधिक के संपत्ती घोटाले की सुई शुरू से जामनेर की ओर इशारा कर रही थी .
महंगी बिजली पर कांग्रेस की चुप्पी बोर्ड ने शुरू की सख्ती से वसूली – पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामो को लेकर कांग्रेस ने पूरे देश मे जमकर आंदोलन किए . आंदोलनो से आम आदमी ने खुद को अलग रखकर महंगाई के खिलाफ मौन को अपना हथियार बनाया . गैर भाजपा शासित राज्यो मे जहाँ कांग्रेस सरकार मे शामिल है वहां महंगाई से राहत वाले कोई नीतिगत फैसले नही लिए गए . महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार मे शामिल कांग्रेस के पास ऊर्जा मंत्रालय होने के बावजूद बिजली के दरो मे प्रति यूनिट 22 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है . बोर्ड की ओर से बिना रीडिंग मनमाने बिल थमाकर ग्राहको से पैसा वसूला जा रहा है . कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई को केवल पेट्रोल डीजल तक सीमित रखा है . और जिन राज्यो मे कांग्रेस सरकार मे है वहां खुद अपने मंत्रालयो के फैसलो पर चुप्पी साधे है . क्या ? बिजली की दर वृद्धी महंगाई की श्रेणी मे नही आती , मनमाने बिलो की वसूली तानाशाही नही है ? आज बिजली बोर्ड के कर्मी आए दिन लोगो के घर जाकर बिल भुगतान न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दे रहे है . कोरोना के चलते आबादी के बड़े हिस्से का रोजगार छीन चुका है बचत के पैसो से गुजरा चलाया जा रहा है . ऐसे मे सरकारे अपनी सेवाओ के जरिये अनैतिक तरीके से खुली लूट मचा रही है इससे जनता के बीच प्रचंड असंतोष है . सूबे का मानसून सेशन होना है उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे सरकार बिजली के दरो मे की गई 22 फीसदी की वृद्धि के फैसले को वापिस लेकर आवाम को राहत प्रदान करेगी .