नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): 8 अक्टूबर के बाद से लगातार दिल्ली की हवा की गुणवत्ता का इंडेक्स (AQI- एयर क्वालिटी इंडेक्स) 200 से ऊपर चल रहा है जो कि ‘खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल ब्यूरो (CPCB ) का डेटा दिखाता है कि 8 अक्टूबर को दिल्ली का औसत AQI 208 और 9 अक्टूबर 202 था। ये दोनों ही हवा की क्वालिटी के ‘खराब’ होने के सूचक हैं।
CPCB के आंकड़ों के मुताबिक डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) ने पहले दर्शाया था कि कैसे हर साल 8 अक्टूबर के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में आ जाती है। इस साल भी लम्बे समय तक ठीक रहने के बावजूद, 8 अक्टूबर के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पिछले वर्षों की तरह ख़राब हो गई। उत्तर भारत में पराली जलने, तापमान में गिरावट आने और हवा की धीमी रफ्तार की वजह से दिल्ली वाले हर साल खराब हवा में सांस लेने को मजबूर होते हैं। और इस साल पहले की तुलना में पराली इस बार जल्दी जलने लग गयी है।
NASA की सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए DIU ने पंजाब और हरियाणा में कम से कम 700 खेतों में पराली जलने का पता लगाया था। CPCB का डेटा दर्शाता है कि इन्हीं क्षेत्रों में हवा की औसत गुणवत्ता सबसे खराब रही। 1 से 7 अक्टूबर तक हरियाणा का चरखी दादरी ऐसा कस्बा रहा जहां AQI 300 के पार चला गया। इसका मतलब यह कि इस कस्बे के लोगों ने लगभग एक हफ्ते तक ‘बेहद ख़राब’ हवा में सांस ली। दिल्ली से मात्र 90 किलोमीटर दूर इस कस्बे का AQI औसतन 302 रहा। CPCB कहता है कि ऐसी हवा में ज़्यादा देर सांस लेने से श्वसन-तंत्र की बीमारियां हो सकती हैं।