मुंबई (तेज़ समाचार प्रतिनिधि): FMCG की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने अमूल के दो टीवी विज्ञापनों को बंद कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हिंदुस्तान यूनिलीवर लीमिटेड ने इन विज्ञापनों की वजह से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए 10 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है।
मुंबई हाईकोर्ट ने एक दुर्लभ फैसला सुनाते हुए अमूल आइसक्रीम के दो विज्ञापनों को वापस लेने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने,अभिव्यक्ति की आजादी, ऐडवर्टाइजर्स के अधिकार और आइसक्रीम ऐड के उद्देश्य पर गहन चर्चा हुई। इसके बाद जस्टिस ने कहा कि यह स्पष्ट तुलना का मामला नहीं है। दोनों विज्ञापनों में दो बिल्कुल अलग चीजों दूध और वनस्पति की तुलना की गई है।अमूल ने प्रतिद्वंदी के लिए नेगेटिव कैंपेन चलाया है।
आपको बता दे, अमूल के विज्ञापन में यूजर्स को ऐसे उत्पादों को खाने से मना किया गया था, जिसे बनाने के लिए वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया गया हो। इस तरह से क्वालिटी वॉल्स ब्रांड की आइसक्रीम की उपेक्षा करने को कहा गया था, जिसे बनाने में वेजिटेबल ऑइल का इस्तेमाल होता है।
कोर्ट ने कहा कि अमूल को यह पता है कि फ्रोजेन डिजर्ट वेजिटेबल ऑइल से ही बनते हैं। ऐसे में अमूल ने जानबूझकर हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रोडक्ट को अपने विज्ञापन के जरिये बदनाम किया, जो उस क्षेत्र में मार्केट लीडर है।