बिजली बिलो का मनमाना आंकलन लगातार जारी : मानसून सत्र से बंधी आशा
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): बिजली बोर्ड की ओर से जून से लेकर अब तक के इन तीन महीनो के बिजली बिलो का आंकलन ठीक उसी तरह किया जा रहा है जैसे तालाबंदी के बाद मार्च से मई के बीच किया गया ! इस मामले पर ठाकरे सरकार के साथ साथ मीडिया ने भी कमाल की चुप्पी साध ली है ! तेजसमाचार ने इस मसले को लेकर लगातार आम आदमी की पीड़ा को आवाज देने का प्रयास किया ! कोरोना के इलाज के नाम पर स्वीकार किए गए तालाबंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह बर्बाद हो चुकी है ! राज्यो और केंद्र के बीच आर्थिक तनाव बढ़ रहा है ! कही इसी से प्रभावित उद्धव ठाकरे सरकार बिजली विभाग के जरिये आम लोगो की जेब काटने मे जुटी है ? ऐसा सवाल मुखरता से उठने लगा है ! सुबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा अपने विधायको को एकजुट रखने की कवायद मे जनता की आवाज बनने के अपने दायित्व से बचती नजर आ रही है ! 7 और 8 सितंबर को राज्य विधानसभा का मानसून सत्र होना है ! आम लोगो की नजरे इसी सत्र पर टिकी है कि सरकार की ओर से मनमाने बिजली बिलो को लेकर कोई राहत देने वाला निर्णय लिया जाएगा ! ठाकरे सरकार की लंबी निर्णय प्रक्रिया के कारण बिजली विभाग के खजाने मे वाजिब बिलो के माध्यम से जमा होने वाला भुगतान रुक गया है ! मनमाने बिलो के विषय पर समय रहते सकारात्मक फैसला लिया गया होता तो काफी कुछ बेहतर हो सकता था ! बिजली के दरो मे प्रति यूनिट 22 प्रतिशत बढ़ोतरी की बात को सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर स्वीकार नही किया है ! तीन दलो से बनी राज्य की ठाकरे सरकार मे बिजली मंत्रालय उस कांग्रेस पार्टी के पास है जो दिनरात आम आदमी के हितैशी होने का दावा करती है ! मीटर डाउन बत्ती चालू और सरकार गुल कुछ इस तरह के हालात राज्य मे दिखाई पड़ रहे है ! बिजली बिलो की समस्या को लेकर सोशल मीडिया मे मंत्रियो का फोटो ग्राफिक्स बनाकर चल रहे पतंगबाज बयानो के आधार पर सत्ता पक्ष के दलो मे समाधान खोजने का प्रयोग किसी प्रचार की तरह किया जा रहा है ! मानसून सत्र मे मनमाने बिलो से राहत की उम्मीद जनता मे शेष बची है !