पुणे. समाजसेवक जितेंद्र जगताप को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में न्यायीक हिरासत में जेल की कोठरी में बंद पूर्व उपमहापौर व राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक दीपक मानकर पर लगाया गया मोक्का उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है. इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि अब मानकर को जमानत मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
ज्ञात हो कि मानकर के यहां अनेक वर्षों से से काम करनेवाले जगताप ने 2 जून 2018 को घोरपडी में रेल के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली थी. जगताप को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में मानकर सहित बिल्डर सुधीर कर्नाटकी, विनोद रमेश भोले (34), सुधीर दत्तात्रेय सुतार (30), अमित उत्तम तनपुरे (28), अतुल शांताराम पवार (36) और विशांत श्रीरंग कांबले (30), नाना कुदले और अजय कंधारे को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी पूर्व याचिका खारिज होने के बाद मानकर ने आत्मसमर्पण कर दिया था.
इस बीच मानकर पर दो और मामले दर्ज किए गए और मोक्का लगाया गया. मोक्का के तहत सुनवाई में मानकर पर 14 की बजाया 8 मामले होने की रिपोर्ट दिए जाने के कारण तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त व वर्तमान में मुंबई रेलवे आयुक्त रवींद्र सेनगावकर की जांच के आदेश हाल ही में विशेष मोक्का न्यायालय ने दिए है. आरटीआई कार्यकर्ता केतन तिरोडकर ने सेनगांवकर, दीपक मानकर, सुधीर कर्नाटकी के विरोध में याचिका दायर की थी. 14 की बजाय 8 ही मामले की रिपोर्ट दिए जाने के कारण मानकर का केस कमजोर होने की शिकायत केतन तिरोडकर ने की थी.