धुलिया (वाहिद काकर). धुलिया सिटी विधानसभा क्षेत्र हेतु गत माह मतदान हुआ था. एमआईएम ने जातीय फैक्टर चला कर आश्चर्यचकित जीत दर्ज की. चुनाव के बारे में इलाकों से जो रिपोर्ट आ रही है, उनमें एक खास बात यह है कि वोटरों ने वोटकटवा के रूप में चुनावी समर में आए प्रत्याशी से अपनी साठगांठ रखी. प्राय: सभी जगहों पर महागठबंधन और एनसीपी- कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर दिखी.
इसी बीच भगवा परिवार में आपसी खींचतान में मतों का विभाजन हुआ और चारों दिशाओं में धुलिया शहर में जातीगत समीकरण खूब सिर चढ़कर बोला. शिवसेना उम्मीदवार हिलाल लाला माली ने माली समुदाय को टारगेट किया, वही पर बीजेपी ने अप्रत्यक्ष रूप से मराठा उम्मीदवार राजवर्धन कदमबांडे को समर्थन देकर मतों का विभाजन करने में कारणीभूत हुए मुस्लिम और मराठा समुदाय और बीजीपी के वोटों पर नजर रखी वही पर पूर्व विधायक अनिल गोटे ने भी धनगर समुदाय से है. चुनाव के पहले यह चर्चा जोरों पर थी कि चुनाव विकास बनाम गुंडागर्दी बन गया था, पर चुनाव वाले इलाकों में जब वोटरों को टटोला गया, तो यह सीन सामने है कि विकास के मुद्दे पर उन्होंने जातियों के चक्रव्यूह के सामने विकास को तोडऩे का मन बनाया हुआ था.
वैसे यह बात साफ है कि धुलिया शहर में जातिय फैक्टर खूब जमकर चला जिसमें बहुसंख्यक आबादी के वोट माली, धनगर, मराठा में विभाजित हुए जिसका सीधा लाभ हैदराबाद के पार्टी मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने उठाया जमकर जाती फैक्टर चलाया. विजय श्री की माला फारूक शाह के चरणों में आ गिरी. साल भर पहले हुए निकाय चुनावों में फारुख शाह को पराजय का मुंह देखना पड़ा था.
धुलिया में कास्ट फैक्टर कुछ हद तक हावी दिखा. वोटरों की जातियों के आधार पर गोलबंदी नजर आई. यहां भी महिलाएं काफी दिखीं बूथों पर. धुलिया शहर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां छोटे-छोटे स्थानीय मुद्दे पर वोटर बात करते रहे. वही पर कट्टरवादी हिंदुत्व मतदाता मझधार में दिखाई दिया शिवसेना से बदला लेने के चक्कर में भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने खुलेआम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देकर उसका प्रचार प्रसार किया .दोनों उम्मीदवार गोटे और कदमबांडे को मतदाताओं ने पूर्व में भी जिताया था लेकिन इस बार शिवसेना के नए चहरे के रूप में माली को भी मतदाताओं ने वोट दिया था लेकिन जातिगत जनगणना के कारण माली पिछड़ गए और कुछ नहीं रहते हुए भी एम आई एम के नाम पर आवैसी के नाम पर वोट डालने की बात करते मुस्लिम मतदाता दिखे
मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटर पूरे उत्साह में थे एनआरसी तीन तलाक बिल आदि समस्याओं पर आवैसी कुछ करेगा वोट उनका है यह युवा वोटरों की जुबान पर भी था.
एक खास जाति के वोट पर दोनों गठबंधनों का दावा है और उस जाति का वोट धुलिया विधानसभा क्षेत्र में परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाता रहा है। बहरहाल वोटर विकास की बात को अपने जेहन से निकाल कर जाति धर्म को ज्यादा तरजीह देते दिखे अनिल गोटे की यह बात यहां हवा हो गई कि विकास को ही वोट मिलेंगे और
भारतीय जनता पार्टी का घमंड चकनाचूर हो गया 50 पार्षद और वर्तमान भाजपा का विधायक सांसद होने के बावजूद भाजपा समर्थित प्रत्याशी राज्यवर्धन कदमबांडे को करारी हार का सामना देखना पड़ा