औरंगाबाद (तेज समाचार डेस्क). कोरोना वायरस को फैलाने से बचाने के लिए इन दिनों जारी कफ्र्यू के बीच रोजगार के लिए विदर्भ के भंडारा, यवतमाल जिले के अलग-अलग गांवों से औरंगाबाद में रहनेवाली 20 लड़कियां पुंडलीकनगर थाना पुलिस की तत्परता से अपनी गांव पहुंचने में कामयाब हुई है. पुंडलीक नगर थाना के एपीआय घनशाम सोनवने ने उन युवतियों को घर पहुंचाने में सामाजिक कार्यकर्ता सुकन्या भोसलेे, विधायक अतुल सावे, उपमहापौर राजेन्द्र जंजाल की मदद ली. एपीआय सोनवने व उनकी टीम के प्रयासों से वह लड़कियां सुरक्षित अपने पैतृक गांव पहुंची है.
– तीन दिनों से भूखी सो रही थी लड़कियां
बता दे कि विदर्भ के भंडारा व यवतमाल से कई लड़कियां स्थानीय एमआईडीसी क्षेत्र में स्थित कंपनियों में कार्यरत है. गत छह दिन से शहर में जारी कफ्र्यू के चलते पुंडलीकनगर थाना क्षेत्र में रहनेवाली 20 युवतियां गत तीन दिन से भूखी सो रही थी. जिससे वह अपने घर लौटने के लिए बेचैन थी. इधर, कोरोना वायरस को फैलने से बचाने के लिए एक जिले से दूसरे जिले को जोडनेवाली सारी सीमाएं बंद की हुई है. जिससे उन युवतियों में बेचैनी थी. अपनी आपबिती सुनाने के लिए यह सभी युवतियां ंपुलिस थाना पहुंचकर गांव जाने के लिए पुलिस से मिन्नते करने लगी.
– वाहन का किया गया इंतजाम
इधर, शहर में जब तक कफ्र्यू रहेगा तब तक उनके खाने व खर्च की जिम्मेदारी पुलिस, उपमहापौर राजेन्द्र जंजाल उठाने के लिए तैयार हुए. लेकिन, गत तीन दिन से वह लड़कियां भूखी होने से काफी डरी हुई थी. सारी युवतियां अपने पैतृक गांव जाने के लिए रो-रोकर पुलिस से विनंती कर रही थी. इस विनंती पर एपीआय घनशाम सोनवने व उनकी टीम ने उन लड़कियों को उनके गांव जाने वाहनों का इंतजाम कर उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाया. इसमें सामाजिक कार्यकर्ता सुकन्या भोसले, उपमहापौर जंजाल की भूमिका महत्वपूर्ण रही.