राफेल विमान सौदे को लेकर इन दिनों विपक्ष ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले रखा है । कई लोग इसे मोदी की गिरती साख के रूप में भी देख रहे है । लेकिन वे यह नही जानते कि मोदी का जितना विरोध होता है, उतना ही समर्थन भी बढ़ता जाता है।
मोदी के व्यक्तित्व को समझने और उनके निर्णयो को समझने के लिए मार्क टली को पढ़िए। भारत में वर्षों तक बीबीसी के संवादाता रहे मार्क टली ने नरेंद्र मोदी को लेकर अपनी एक किताब में कई अहम् बातें लिखी है। और आज वे सभी लिखी बातें सटीक दिखाई देती है। मार्क टली अंतराष्ट्रीय मीडिया में अच्छी दखल रखते हैं और उन्हें सम्मानित पत्रकारों में गिना जाता है। उन्होंने कई साल पहले ही अपनी किताब ‘नो फुल स्टॉप इन इंडिया’ में भारत में हो रहे परिवर्तनों का जिक्र किया था।
अपनी इस किताब में मार्क टली ने लिखा है कि ‘भारत में बदलाव आने में काफी समय लगता है। जन्म भी होता है तो धीमा और कष्टकारी होता है। मेरा विश्वास है कि भारत में एक नयी व्यवस्था का जन्म हो रहा है जो ध्वस्त हो चुकी औपनिवेशिक राज के स्तंभों पर आधारित न होकर वास्तव में मौलिक रूप से आधुनिक भारतीय व्यवस्था है और जो दुनिया की अन्य व्यवस्थाओं की अंधाधुंध नक़ल नहीं है ।’
आगे मार्क टली लिखते हैं कि “अपनी सभी महान उपलब्धियों के वावजूद नेहरू डायनेस्टी एक बरगद के पेड़ की तरह है जो अपनी छाया में सबकुछ ढक लेता है। चाहे वो व्यक्ति हो या विभिन्न भारतीय संस्थाएं। सभी भारतीय यह जानते भी हैं कि बरगद के वृक्ष के नीचे कुछ भी पैदा नहीं होता। “
मार्क आगे कहते हैं “जो भी परिवर्तन होंगे वो धीमें और कष्टकारी होंगे। इसलिए जो इनके बारे में पढ़ते नहीं और सिर्फ धारणा के आधार पर निर्णय करते हैं, उन्हें कुछ समय तक यह परिवर्तन दिखाई नहीं देगा । या कुछ ऐसे भी होंगे जो जानबूझ कर सिर्फ कोरी बयानबाजी करेंगे और कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है इसके बहाने गढ़ेंगे।”
जिस तरह से रेलवे, बिजली, रक्षा उत्पादों और गवर्नेंस में बदलाव आ रहा है और साथ ही साथ पुरानी व्यवस्था की शक्तियों में जिस तरह की बेचैनी बढ़ रही है, वो इस बात का सूचक है कि परिवर्तन हो रहा है। यद्यपि धीरे -धीरे लेकिन मज़बूती के साथ। हमें दीमक लगे पुराने बरगद के वृक्ष की क्षमता को अभी कमतर नहीं आंकना चाहिए जो अभी भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेगा कि उसके नीचे कुछ भी पनपने न पाये, चाहे मिट्टी को पलटने के लिये उसे खुद ही धाराशाही क्यों न होना पड़े । कांग्रेस और राहुल की छटपटाहट उसी बरगद की मानसिकता है।
मार्क टली साफ लिखते है कि विपरीत परिस्थियां भ्रम उत्पन्न करेंगी। लेकिन ऐसी परिस्थिति में भारतीय लोगों को धैर्य से काम लेना चाहिए। समाज ने यदि धैर्य बनाये रखा और परिपक्वता का परिचय दिया वो आसानी से ऐसी परिस्थितियों से पार पा लेगा और पुरानी व्यवस्था की शक्तियां स्वयं नष्ट हो जाएंगी।
अब समय आ गया है कि भारतीय लोग मोदी और उनके निर्णयों को समझें। मोदी पर अपना भरोसा बना के रखें। ऐसा हुआ तो हम निश्चित्त तौर पर एक नए भारत को देखेंगे, जो पहले से विशाल, बेहतर, मज़बूत, भ्रष्टाचार मुक्त, शांतिपूर्ण और समृद्ध भारत होगा, जिसका हर नागरिक एक बेहतर जीवन जी रहा होगा ।