दिल्लीः ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर पत्रकार दिगंबर दराडे की किताब बेस्ट सेलर बन रही है। केवल एक महीने में पांच संस्करण जारी किए गए हैं। यह किताब हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, गुजराती और जर्मन भाषाओं में भी प्रकाशित होगी।
लंडन जाने के बाद दिगंबर दराडेजी ने अपनी किताब में सुनक के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं का खुलासा किया है। दिगंबर दराडेजी ने कहा कि, युवाओं से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा, युवाओं और युवतियों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। लंडन में रहकर पढाई करनेवाले युवाओं ने इस पुस्तक की विशेष रूप से सराहना की है।
ऋषि इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के दामाद हैं। जिस देशने हम पर 150 साल तक हम पर राज किया, उस देश के प्रधानमंत्री एक भारतीय और एक हिंदू हैं। इस अभूतपूर्व घटना से एक भारतीय के रूप में हम सब गौरवान्वित महसूस करते हैं |
एक शांतचित्त स्वभाव के, जिन्हे हिंदू संस्कृति पर गर्व है, जो मंदिर में जाकर गोपूजा की पूजा करते है, जो गीता पर हाथ रखकर संसद की शपथ लेते है। अपना कर्तव्य ही अपना धर्म समझकर वे दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं।
माय मिरर के मनोज अंबिके ने कहा, ऋषि पर लिखी किताब को अच्छी लोकप्रियता मिल रही है। हमने एक महीने में पांच संस्करण जारी किए हैं। इस पीढ़ी के युवामें एक लहर की तरह “ऋषि सुनक” किताबकी मांग दिन-ब-दिन बढ़तीही जा रही है। ऋषि सुनक के बारे में यह किताब मराठी में प्रथम होने के कारण विशेष आकर्षण बन रही है। ऋषि और अक्षता मूर्ति की प्रेम कहानी, मूर्ति कुंटुबियों की सादगी को लोग ज्यादा पसंद करने लगे हैं। इसके साथ ही दराडेजी ने बेहद सरल भाषा में यह किताब लिखी है। इसलिए हमने इस किताब को अलग-अलग भाषाओं में लाने का काम शुरू कर दिया है।
राजनीतिक नेताओं के सोशल मीडिया पर ऋषि
कम उम्र में सफल हुए ऋषि सुनक का सफर कई लोगों के लिए प्रेरणा है। महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर पंकजा, धनंजय मुंडे, उदयनराजे भोसले, पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल, रोहित पवार तक इस किताब की पोस्ट सोशल मीडिया पर देखने को मिली.