पुणे (तेज समाचार डेस्क). भीमा कोरेगांव हिंसा को एक साल पूरा होने वाला है. 1 जनवरी को हजारों लोग भीमा-कोरेगांव पहुंचकर विजयस्तंभ का अभिवादन करते हैं. पिछले साल की हिंसक घटना को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए हैं. पूर्व में कहा गया था कि यहां एक जनवरी से पहले सार्वजनिक भाषणों पर भी रोक रहेगी, लेकिन हाईकोर्ट ने 30दिसंबर से 2 जनवरी तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति प्रदान कर दी है.
भीमा कोरेगांव में किसी भी तरह की अनुचित घटना न हो इसके लिए पुणे जिलाधिकारी ने 12 जनवरी तक इस जगह पर सरकार को टेम्परी कब्जा देने की मांग की थी. उनके आवेदन का विचार करते हुए हाईकोर्ट ने उसे मंजूरी दे दी है. इसलिए 12 जनवरी तक भीमा-कोरेगांव विजयस्तंभ वाले स्थान पर राज्य सरकार का कब्जा रहेगा.
क्या है मामला-
पुणे-नगर महामार्ग पर भीमा कोरेगांव में पिछले साल 1 जनवरी को मामूली विवाद के चलते दो समूहों में झड़प हुई थी. वढू बुद्रुक स्थित छत्रपति संभाजी महाराज के समाधि स्थल के दर्शन करने के बाद युवकों ने रैली निकाली थी. इसी दौरान पुणे की ओर से कोरेगांव की दिशा में आंबेडकरी अनुयायी आ रहे थे. सड़क पर मामूली विवाद के चलते हिंसा भड़क गईथी. भीमा कोरेगांव के रणसंग्राम को 200 साल पूरा होने के अवसर विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
-संभाजी भिडे, एकबोटे को तड़ीपार करें
भीमा कोरेगांव हिंसा को एक साल होने जा रहा है. भीम आर्मी शहर शाखा के जिला प्रमुख दत्ता पोल का कहना है कि भीमा कोरेगांव विजय दिवस के अवसर पर संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे को पुणे सहित पांच जिलों से तड़ीपार किया जाना चाहिए.