भोपाल (तेज समाचार डेस्क) : मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बेनगंगा पर 4 करोड़ की लागत से बना पुल ढहने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मामले में जांच के आदेश देने के बाद ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के जीएम जेपी मेहरा और असिस्टेंट मैनेजर एसके अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया गया है। हैरानी की बात तो ये है किपुल का काम जून 2020 में ही पूरा हुआ था, लेकिन उद्घाटन नहीं हो पाया था, इसके पहले ही 30 अगस्त को आई बाढ़ में ढह गया।इसे भोपाल के ठेकेदार एसव्ही कंस्ट्रक्शन ने बनाया है। प्राधिकरण इस मामले की जांच भी करवा रहा है।
दरअसल, यह पुल जिले के बरबसपुर-सुनवारा-आमानाला मार्ग पर बना था। हाल ही में हुई 30अगस्त को लगातार बारिश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की भीमगढ़-सुनवारा सड़क में वैनगंगा नदी पर बना यह पुल ताश के पत्तों की तरह बाढ़ के पानी में बह गया है। 2 साल पहले पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसका लोकार्पण होना बाकी था।लेकिन इसके पहले ही करीब डेढ़ सौ मीटर लंबा उधा स्तरीय ब्रिज 30 अगस्त को तेज बारिश में ढह गया। पुल के ढह जाने पर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को घेरा था, वही इस पूरे मामले को सीएम शिवराज ने भी गम्भीरता से लेते हुए नाराज़गी जाहिर की थी, सीएम हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम शिवराज ने पत्रकारों से कहा था कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच के आदेश देने के अगले ही दिन दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। प्राधिकरण अब बिल्डर के लेवल पर हुई अनियमितता को लेकर भी जांच कर रहा है दोषी पाए जाने पर बिल्डर के खिलाफ ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जा सकती है।
पुल निर्माण का कार्य 1 सितंबर 2018 को शुरू हुआ था, निर्माण पूरा होने की तारीख 30 अगस्त तय की गई थी। पुल इससे पहले ही जून में बनकर तैयार हो गया था और गांव के लोग करीब एक महीने से इसका इस्तेमाल भी कर रहे थे, लेकिन इससे पहले कि इसका उद्घाटन होता। 29-30 की दरम्यानी रात भारी बारिश से आई वैनगंगा नदी में बाढ़ से पुल बह गया।यह पुल सिवनी की केवलारी विधानसभा के तहत आता था।