BHR संपत्ती घोटाला : जितू पाटील के आलीशान बंगलो पर SIT की छानबीन
जामनेर ( नरेंद्र इंगले): बहुचर्चित BHR Multi state Bank के संपत्ती घोटाले को लेकर पुणे की विशेष जांच टीम ने पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के बेहद खास कार्यकर्ता जितेंद्र पाटील ( जितू पाटील ) के आलीशान बंगलो पर दस्तक दी है . मीडिया सूत्रो के मुताबिक विशेष जांच टीम ने पाटील समेत अन्य दो लोगो पर शिकंजा कसा है उन्हे हिरासत मे लेने संबंधी फैसला किसी भी वक्त किया जा सकता है . बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई को 16 जून को अंजाम दिया गया . जामनेर के स्थानीय पत्रकार जब पाटील के दत्त चैतन्य नगर स्थित बंगलो पर पहुचे तब वहां विशेष जांच टीम द्वारा मामले से जुड़े दस्तावेजो को लेकर छानबीन की जा रही थी . हाईप्रोफाइल केस की जांच को लेकर कानून व्यवस्था समीक्षा के लिए तहसीलदार अरुण शेवाले और पुलिस निरीक्षक प्रताप इंगले ने घटनास्थल का मुआयना किया . पाटील के बंगलो पर पुलिस की तैनाती देखी गई . विश्वसनीय सूत्रो के हवाले से यह बताया गया कि पाटील को जांच के लिए हिरासत मे लिया गया है . SIT ने पूरे महाराष्ट्र मे 12 जगहो पर दबीश दी है जिसमे जलगांव मे पधारी टीम की कार्रवाई को लेकर उक्त जानकारी प्राप्त हुई है . विदित हो कि BHR संपत्ती घोटाले के मामले की जांच के लिए सरकार ने भाग्यश्री नवटक्के के नेतृत्व मे SIT का गठन किया है .
घोटाले की व्याप्ती 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है . सरकार द्वारा बिठाए गए प्रशासक ने तत्कालीन नेताओ के संरक्षण मे बैंक की अचल संपत्ती को औने पौने दाम पर बेचकर सरकार को टैक्स मे करोड़ो रुपयो का चूना लगाया और नेताओ ने यही संपत्तीया अपने कार्यकर्ताओं के नाम पर रजिस्टर्ड करायी और इस तरीके से नेताओ की बेनामी संपत्ती मे इजाफा करने मे मदत की गई . यह पूरा मामला पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल मे प्रकाश मे आया था जिसकी जांच पर सवाल उठाए गए थे . घोटाले के मुख्य अभियुक्त सुनील झंवर के पीछे का अदृश्य हाथ कौन है इसका पता लगाने के लिए SIT चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है . खबर तो यह भी है कि SIT ने जलगांव शहर से भी कई संदिग्धो को हिरासत मे लिया है जिनकी वर्तमान संख्या 12 बतायी जा रही है मामले मे और गिरफ्तारिया हो सकती है . जितेंद्र पाटील के बंगलो पर SIT द्वारा की गई कार्रवाई की खबर जैसे ही आग की तरह शहर मे फैल गई वैसे विशेष राजनीतिक पार्टी के समर्थको के मुरझाए चेहरो को छोड़ दे तो आम नागरिको मे संतुष्टता का भाव साफ देखा गया . 1980 के दशक के महान विचारक ओशो जो अपने बेबाक प्रवचनो के लिए आज भी पाठको की पसंद है उन्होने कहां था कि ” राजनीति लूट की आधुनिक व्यवस्था है ” ओशो की यही लाइन सच साबित हो रही है . बस घोटालो और आर्थिक अफरातफरी के हथकंडे अलग अलग है .