इंदौर (तेज समाचार डेस्क). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित बायोपिक फिल्म ‘पी.एम. नरेन्द्र मोदी’ की रिलीज पर रोक लगाने से इंदौरा हाइकोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने इस संदर्भ में दायर जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया है.
– क्या कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई हाई कोर्ट पहले ही इस मामले में स्टे देने से इंकार कर चुकी हैं. इस मामले में दर्ज शिकायत पर चुनाव आयोग पहले ही नोटिस जारी कर चुका है. इसलिए दखल देने का कोई मतलब नहीं.
– 5 अप्रैल को रिलीज होगी फिल्म
ये फिल्म 5 अप्रैल को रिलीज हो रही है. इसी माह लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान भी है. चुनावी मौसम में इस फिल्म के रिलीज होने का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता योगेश यादव ने एड. मनीष यादव के माध्यम से हाई कोर्ट में उक्त याचिका दायर की थी. इसमें कहा था कि फिल्म के माध्यम से भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी जनता को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं.
– चुनाव आयोग से भी की थी शिकायत
कांग्रेस सहित कई दलों ने लोकसभा चुनाव तक फिल्म का प्रसारण रोकने की मांग करते हुए चुनाव आयोग को शिकायत भी की है. आयोग ने कार्रवाई करते हुए फिल्म निर्माता को नोटिस भी जारी किए हैं, लेकिन फिल्म की रिलीज पर कोई फैसला नहीं हो सका है. इसलिए हाई कोर्ट लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाए.
– एक और याचिका पर सुनवाई गुरुवार-शुक्रवार को
बुधवार को याचिका की सुनवाई जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस एसके अवस्थी की बेंच में हुई. कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. इसी मामले में एक और याचिका भी दायर हुई है. संभवत: इसकी सुनवाई गुरुवार-शुक्रवार को होगी.
– जानबूझ कर चुनाव का समय चुना
याचिका में कहा था कि फिल्म को जानबूझकर चुनाव के वक्त रिलीज किया जा रहा है, ताकि मतदाता को प्रभावित किया जा सके. यह आचार संहिता का उल्लंघन है. फिल्म के प्रोमो में प्रधानमंत्री मोदी सेना को निर्देशित करते नजर आ रहे हैं. यह संविधान के अनुच्छेद 142 का उल्लंघन है. मोदी खुद वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी हैं. फिल्म सीधे तौर पर उनका प्रचार कर रही है.