– वडगांवशेरी व हड़पसर को राकां ने भाजपा से छीना
पुणे (तेज समाचार डेस्क). राकां ने पश्चिमी महाराष्ट्र का अपना गढ़ बचा लिया. इस इलाके में उसने शानदार प्रदर्शन किया. यहां पर युति को भारी पराजय का सामना करना पड़ा. पर पुणे शहर ने जैसे तैसे युति की लाज इस इलाके में बचाई. पिछली बार शहर की आठों सीट अपने नाम करनेवाली भाजपा इस बार उसमें से 6 ही जीत पाई. दो सीट उसे गंवानी पड़ी.वडगांवशेरी व हड़पसर में उसे मुंहकी खानी पड़ी. भाजपा ने कसबा,कैन्टोन्मेंट,पर्वती,कोथरूड,शिवाजीनगर,खड़कवासला को बचाने में भाजपा कामयाब रही.
कसबा से मुक्ता तिलक, शिवाजी नगर से सिद्धार्थ शिरोले, कैन्टोमेंट से सुनील कांबले, कोथरूड से प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल,खड़कवासला से भीमराव तापकीर, पर्वती से माधुरी मिसाल ने जीत दर्ज की. चुनाव में पुणे के नतीजे अपेक्षानुसार नहीं रहे. क्योंकि भाजपा यहां पर 8:0 का रिजल्ट मान रही थी. पर भाजपा को दो सीटों की क्षति उठानी पड़ी.
वड़गावशेरी: यहां पर एनसीपी व भाजपा में सीधी लड़ाई थी. लग रहा था कि यहां पर मौजूदा विधायक जगदीश मुलिक बाजी मार लेंगे. लेकिन भाजपा के सहयोगी आरपीआई ने यहां पर एनसीपी का काम किया. इस वजह से यह लड़ाई कांटे की हुई. नतीजा यहां पर एनसीपी के सुनील टिंगरे ने बाजी मार ली. टिंगरे ने लगभग 49 हजार 75 मतों से जीत हासिल की.
शिवाजीनगर: इस चुनाव क्षेत्र में झोपड़ियों की तादाद काफी है. शहर में हमेशा झोपड़ी इलाकों से कांग्रेस को मतदान होता है. लेकिन कांग्रेस को इसबार निराशा हुई. कांग्रेस के दत्ता बहिरट फेल रहे.भाजपा के सिद्धार्थ शिरोले ने लगभग 5 हजार 124 मतों से बाजी मारी.
कोथरूड़: यहां की लड़ाई पर पूरे राज्य का ध्यान था. क्योंकि यहां से भाजपा की ओर से जिले के पालकमंत्री एवं प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल मैदान में उतरे थे. उन्हें बाहरी उम्मीदवार माना जा रहा था. मनसे विरोधी दलों के साझा उम्मीदवार थे. पर अंत में पाटिल जीत हासिल करने में सफल रहे. लगभग 25 हजार 495 मतों से पाटिल ने बाजी मारी.
खड़कवासला: भाजपा की यह सीट इसबार खतरे में मानी जा रही थी. पर आखिर में वह इस सीट को जैसे तैसे बचाने में कामयाब रही. भाजपा के भीमराव तापकीर ने एनसीपी ने सचिन दोड़के को केवल 2 हजार 595 मतों से हराया. दोड़के ने मतगणना के बाद अपनी जीत के बैनर लगा दिए थे.
पर्वती: यह क्षेत्र पिछले दिनों शहर में आई बाढ का शिकार हुआ था. जिससे यहां पर प्रशासन से नाराजगी थी. ऐसे में भाजपा को झटका लग सकता था. पर अंत में दो बार से विधायक भाजपा की माधुरी मिसाल ने एनसीपी की अश्विनी कदम को 26 हजार 728 मत से हराकर हैट्रिक साधी.
हड़पसर: इस सीट पर भाजपा, राकां व मनसे में त्रिकोणीय मुकाबला था. वर्तमान विधायक भाजपा के योगेश टिलेकर को मनसे के वसंत मोरे से जोरदार टक्कर मिल रही थी. पर एनसीपी के चेतन तुपे जिन्हें अंत समय में राकां ने उम्मीदार बनाया था की लॉटरी लग गई. तुपे ने लगभग 28 हजार 20 मतों से जीत हासिल की.
पुणे कैन्टोमेंट: यह सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है. यहां पर भाजपा ने स्थायी समिति के अध्यक्ष सुनील कांबले को मैदान में उतारा था. उनका मुकाबला कांग्रेस के अनुभवी रमेश बागवे से था. दोनों में जोरदार टक्कर हुई. पर अंत में कांबले ने 5 हजार 102 मतों से जीत हासिल की.
कसबा: यहां से भाजपा ने शहर की पहली नागरिक यानी महापौर मुक्ता तिलक को मैदान में उतारा था. उनका मुकाबला कांग्रेस के गुटनेता अरविंद शिंदे था.भाजपा का गढ मानेजानेवाले इस सीट को मुक्ता तिलक ने 28 हजार 196 मतों से जीत हासिल किया.