जामनेर (नरेंद्र इंगले). पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम हो या फिर बिजली दरो मे की गई 22 फीसदी वृद्धी का मामला महंगाई की मार आम आदमी पर बराबर पड़ रही है . शिवसेना और भाजपा ने अपने राज्यव्यापी आंदोलनों के चलत सड़क पर उतरे . पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के नेतृत्व मे बिजली बोर्ड पर बैलगाड़ी मोर्चा निकाला गया . महाजन ने अपने भाषण मे हमेशा की तरह राज्य सरकार को लताड़ने की कोशिश की . बोर्ड के अधिकरियो से वार्तालाप कर अपना पक्ष रखा . कहा कि कोरोना संकट के दौरान आंके गए मनमाने बिजली बिल माफ होने चाहिए . भाजपा के आंदोलन मे पार्टी के शहर तथा तहसिल पदाधिकारियों के साथ कुछ 500 आंदोलक शामिल हुए . हंगामे की आशंका से पुलिस महकमे ने बेहतर सतर्कता बरती .
वही शिवसेना की ओर से पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामो से उपजी महंगाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ तहसिल कार्यालय पर मोर्चा निकाला गया . प्रशासन को निवेदन सौंपा गया यह आंदोलन भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ . दोनो आंदोलनों मे हाय हाय का नारा कॉमन रहा बस नेताओ के नाम बदले . जून 2020 मे बिजली बिलो की समस्या पर आक्रामक रुख अपनाने वाली भाजपा ने 7 महीने बाद बजट सेशन के मुहाने ठाकरे सरकार को घेरने की कोशिश की है . सूत्रो के हवाले से बताया जा रहा है कि इसी महीने होनेवाले बजट सत्र मे राज्य सरकार अतिरिक्त बिजली बिलो मे रियायत देने को लेकर बिजली बोर्ड के लिए विशेष पैकेज की घोषणा कर सकती है .
गरुड़ ने कहा नौटंकी पार्टी को आंदोलन करने का अधिकार नही – कोरोना काल मे ठाकरे सरकार का काम उमदा रहा , राज्य आर्थिक संकट से गुजर रहा है मोदी सरकार ने राज्य को उसके हक का पैसा नही दिया बावजूद सरकार ने किसानो की 38 हजार की कर्ज माफी की . महंगाई आसमान छू रही है दिल्ली मे आंदोलन कर रहे देश के अन्नदाताओं को आतंकवादी कहा जा रहा है . मोदी सरकार के खिलाफ उठने वाली हर लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है . 10 फरवरी को बढ़ती महंगाई के विरोध मे राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से आंदोलन किया जाएगा . बिजली बोर्ड के बाहर किया गया भाजपा का आंदोलन केवल नौटंकी है . सत्ता से बेदखल भाजपा अब नौटंकी पार्टी बन चुकी है इसलिए उन्हे आंदोलन करने का कोई नैतिक अधिकार नही है .