औरंगाबाद (तेज समाचार डेस्क). कोरोना संक्रमण के चलते सभी नागरिकों के लिए मास्क पहनना और सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोना सहित सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य किया गया है. लेकिन हमारे समाज में ऐसे भी लोग रहते हैं, जो मास्क से मुंह ढकने के बाद बात नहीं कर सकते. हम बात कर रहे हैं मूक-बधीर लोगों की, जो सांकेतिक भाषा के माध्यम से ही एक दूसरे से संवाद करते हैं. ऐसे लोगों को लिए आम मास्क उपयोगी नहीं होता. इन बात को ध्यान में रखते हुए औरंगाबाद भाजपा की एक कार्यकर्ता ने एक अनोखा मास्क बनाया है, जो मूंक बधीरों को कोरोना के संक्रमण से भी बचाएगा और इसे पहनने के बाद वे एक दूसरे से सांकेतिक भाषा में बात भी कर सकेंगे. भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया रहाटकर ने अपनी बेटी की सलाह पर मूक बधीरों के लिए फेस कवर वाल मास्क बनाने का काम हाथ में लिया है. इस मास्क का फायदा मूक बधीरों को बड़े पैमाने पर हो रहा है.
– देश के कार्यकर्ताओं को सौंपा गया काम
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया रहाटकर ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण ने पांव पसारते ही महिला मोर्चा ने देश स्तर पर मास्क बनाने का उपक्रम हाथ में लिया है. इस उपक्रम के माध्यम से महिला मोर्चा की देश भर की कार्यकर्ताओं से मास्क बनाए जा रहे है. तैयार हुए मास्क हम जिन शहरों व जिलों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा हैं, वहां के प्रशासन की मदद से जरुरत मंदों को बांट रहे है. रहाटकर ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ की जंग में फेस मास्क एक अहम हथियार बन गया है. घर से बाहर निकलने के लिए मास्क पहनाना भी जरुरी हुआ है. ऐसे में मास्क की वजह से उन लोगों को कम्युनिकेशन प्रभावित ना हो, जो बोल और सुन नहीं पाते. वह इन फेस कवर को पहन कर कैसे कम्युनिकेट कर पाएंगे.यह सवाल विदेश में रहनेवाली मेरी बेटी कल्याणी रहाटकर ने किया था. कल्याणी का सवाल जायज था. कल्याणी की सलाह पर मैंने मूक बधीरों के लिए विशेष मास्क तैयार करने का प्लान किया.
– बेटी की सलाह पर आया आइडिया
भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष विजया ने बताया कि कल्याणी की सलाह पर मैंने सबसे पहले पारदर्शी प्लास्टिक शीट को फेस कवर के बीच में सीलकर मूक बधीरों के लिए मास्क बनाया. पहली बार में लगा कि ऐसा करने से वह पहनने में चूभ रहा है. फिर उसमें अंदर की तरफ से कपड़ा लगाकर डबल सिलाई की ओर इस तरह फेस कवर बन गया. मैं मूक बधीरों के लिए विशेष मास्क कवर बनाने में कामयाब होने के बाद मैंने अपनी देश भर की कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन कर पारदर्शी प्लास्टिक लगाकर मास्क का उत्पादन शुरु किया है.
– साइन लैग्वेज में बात करते हैं मूक बधीर
मास्क बनने के बाद मूक बधीर साईन लैंग्वेज में बात कर आपने आपको कोरोना वायरस से बचा रहे है. साईन लैंग्वेज में हाथों के इशारे के साथ ही होंठो का मूवमेंट काफी अहम होता है. महिला मोर्चा की महिलाएं घर पर कॉटन के कपडे से फेस कवर बना रही है. हमने सभी से कहा है कि वह अपने और परिवारों वालों के साथ कुछ और अधिक फेसकवर भी बनाए. साथ ही सभी को घर पर फेस कवर बनाने के लिए प्रेरित करें. जिसमें हमें कामयाबी मिल रही है. विजया रहाटकर ने बताया कि हमने आज तक एक करोड़ से अधिक मास्क का उत्पादन किया है.