हमीरपुर शहर में चलाई गईं नावें, यमुना-बेतवा ने मचाई तबाही
हमीरपुर (तेज समाचार डेस्क): यमुना और बेतवा नदियों में लाखों क्यूसेक पानी लगातार डिस्चार्ज होने से यहां हमीरपुर में बाढ़ के हालात और भयावह होने लगे हैं। गुरुवार को शहर के डिग्गी सहित कई मोहल्ले बाढ़ के पानी में जलमग्न हो चुके हैं और पचास से अधिक घर भी बाढ़ के पानी में ढह गये हैं। घनी आबादी वाले खालेपुरा, गौरादेवी व पुराना जमुना घाट के निचले इलाके में सैकड़ों घर बाढ़ से प्रभावित है। प्रशासन ने शहर के अंदर कई मोहल्लों में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे सड़क और ऊंचाई वाले स्थानों पर मवेशियों के साथ डेरा डाले हैं जिन्हें अभी भी मदद की दरकार है। हालांकि प्रशासन ने पुलिस की मदद से बाढ़ प्रभावित इलाकों को खाली कराकर पीड़ितों को राहत शिविर में शिफ्ट कराया है।
पिछले एक हफ्ते से हमीरपुर यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ की चपेट में है। गुरुवार को यहां दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना नदी का जलस्तर 106.340 मीटर पार कर गया है जो खतरे के निशान से करीब तीन मीटर ऊपर है। बेतवा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर है। इस नदी का जलस्तर इस समय 105.810 मीटर पार हो गया है। हमीरपुर जिला मुख्यालय के डिग्गी मुहाल में बेतवा नदी की बाढ़ का पानी घुस जाने से कम से कम चार सौ मकान पानी से घिर गये हैं वहीं पचास से अधिक मकान भी ढह गये हैं। डिग्गी में घुसा बाढ़ का पानी डेरा तक आगे बढ़ गया है जिससे यहां भी तीन सौ अधिक मकान बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गये हैं। इस डेरा में भी कई कच्चे मकान गिर गये हैं। केसरिया का डेरा, भोला का डेरा, मेरापुर, भिलांवा, चुनकू का डेरा सहित कई इलाके में सैकड़ों मकान बाढ़ के पानी से जलमग्न है। इधर हमीरपुर नगर में पुराना जमुना घाट के ऊपर सड़क तक यमुना नदी की बाढ़ का पानी आ गया है जिससे लोगों में दहशत मची है।
पुराना यमुना घाट के निचले इलाके से होते हुये यमुना नदी की बाढ़ का पानी कालपी चौराहा के गौरादेवी मुहल्ले में भी घुस गया है जिससे करीब दो सौ मकान पानी से घिर गये हैं। लोगों के घरों के अंदर तक बाढ़ का पानी घुस गया है। पीड़ितों ने गृहस्थी समेट कर मकान की छत पर डेरा डाला है। नगर के खालेपुरा मुहाल में आधे से अधिक बस्ती बेतवा नदी की बाढ़ से जलमग्न है। अब तो नगर के अंदर भी नावें चलायी जा रही हैं। जिले के कुरारा क्षेत्र के पटिया, कोतूपुर, उमराहट, मनकीकला सहित कई गांवों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है जिससे बड़ी संख्या में कच्चे मकान गिर गये है। लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। कुछेछा के पास राठ-हमीरपुर मार्ग पर बेतवा नदी की बाढ़ का पानी भर जाने से पिछले 24 घंटे से इस मार्ग पर आवागमन ठप है। टिकरौली में रपटा पुल बाढ़ में डूब जाने से एक दर्जन गांवों का सम्पर्क हफ्ते भर से कटा हुआ है।
मौदहा बांध निर्माण खण्ड के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने बताया कि बेतवा और यमुना नदियों का जलस्तर इस समय एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। दोनों नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि माताटीला बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया है। कोटा बैराज का पानी लगातार डिस्चार्ज होने से यहां नदियों का जलस्तर 106.500 मीटर से 107.00 मीटर तक पहुंच सकता है।
जलस्तर 106.00 मीटर पार होने से 89 गांव बाढ़ की जद में
मौदहा बांध निर्माण खंड हमीरपुर के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने बताया कि यमुना और बेतवा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से 106.00 मीटर पार कर जाने से मनकीकला, मनकीखुर्द, उमराहट, रिठौरा, कनौटा, नैठी, गिमुंहा, बेदोंडांडा, रिठौरा, कनौटा, बदनपुर, केसरिया का डेरा, भोला का डेरा, बरुआ, बिलौटास भटपुरा, जलाला, जमरेहीतीर, जमरेहीऊपर, बचरौली, सिकरोढ़ी, बम्हा का डेरा, मोराकांदर, परसनी, सहुरापुर, पौथिया, चंदूपुर, बड़ेरामाफ, बंधौलीस जिकटरी, रतौली, जमौड़ी, अतरौली, चंडौत, कोतूपुर, पटिया, जरैली मड़ईयां, पत्यौरा, सुरौलीबुजुर्ग, बरुआ, बेरी, भौंरा, रानीगंज, बिन्दपुरी, टिकरौली, सिडऱा, पाराओझी, सूरजपुर, अमिरता, चंदुलीतीर, हेलापुर, सहजना, बरदहा, बसरिया, रिरुआबुजुर्ग, कुपरा, चंदवारी, धुरौली, मंगरौठ, चिकासी, सुजगवां, हरदुआ, बड़ेरा, खालसा, बरौली, बिरहट, इस्लामपुर, इछौैरा, भेड़ी, इन्दपुरी, बैजे इस्लामपुर, मगरेड़ी, कंडौर, हरेहटा पतारा, केवटरा, बजेहटा, भुजपुर, अछपुरा, बहदीना, कारीमाटी, देवगांव सहित 89 गांव बाढ़ की जद में आ गये है।
कोटा बैराज से फिर छोड़ा गया 5.72 लाख क्यूसेक पानी
राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में एक बार फिर 5.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे यहां यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ेगा। लगातार जलस्तर बढऩे से बाढ़ के और हालात बिगड़ सकते है। गुरुवार को जिलाधिकारी जालौन इस सम्बन्ध में एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने से आम लोग सकते में आ गये है। लगातार पानी आने से यहां यमुना और बेतवा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
2013 की बाढ़ का टूटा रिकॉर्ड टूटने के बाद भी उफना रही नदियां
बताते है कि वर्ष 2013 में तत्कालीन जिलाधिकारी बी.चन्द्रकला के कार्यकाल में यहां तीन बार बाढ़ आयी थी जिसमें यमुना का जलस्तर 106.330 व बेतवा नदी का जलस्तर 106.610 मीटर हो गया था। वर्ष 2016 में बाढ़ के समय यमुना का जलस्तर 104.940 व बेतवा का जलस्तर 104.910 मीटर ही दर्ज किया गया था। कई दर्जन गांवों में भारी तबाही हुयी थी। करोड़ों की सम्पत्ति तथा हजारों एकड़ फसल नष्ट हुई थी।
1983 में उफनाई थी नदियां, लाल निशान से पांच मीटर पहुंची थी यमुना बेतवा
1983 में यहां भयंकर बाढ़ आयी थी तब यमुना का जलस्तर 108.58 मीटर तथा बेतवा का जलस्तर 108.67 मीटर पहुंच गया था। दोनों नदियां लाल निशान से पांच मीटर ऊपर हो गयी थी। उस समय हमीरपुर नगर के सभी स्थानों पर बाढ़ का पानी घुस गया था। कानपुर-हमीरपुर- महोबा मार्ग बाढ़ में डूब गया था। भारी तबाही हुयी थी। 1978 में भी बाढ़ आयी थी। वहीं 1992 में केन नदी की बाढ़ से छह गांव डूब गये थे।