पुणे (तेज समाचार डेस्क). तीन घंटे से ससून हॉस्पिटल में लाश पड़ी हुई थी, बिना मृत्यु दाखिलापत्र के लाश को ले जाया नहीं जा सकता था. यह बात पुणे महानगरपालिका का क्लर्क अच्छी से तरह से जानता था. पैसे ऐंठने के लिए जानबूझकर तीन घंटे तक लाश को ऐसे ही पड़े रहने दिया गया और मृत्यु दाखिला पत्र देने में आनाकानी करने का नाटक किया गया. यह नाटक पीएमसी के क्लर्क को तब भारी पड़ी जब एन्टी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को इस बात की भनक पड़ी. एसीबी ने डेढ़ घंटे के अंदर ट्रैप लगा कर क्लर्क को 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. यह कार्रवाई ससून हॉस्पिटल में जन्म मृत्यु पंजीयन ऑफिस में हुई.
शिकायतकर्ता के पिता का ससून हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वह अपने पिता की लाश को अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाना चाहते थे. मृत्यु दाखिलापत्र के बिना पिता की बॉडी नहीं मिल रही थी. क्लर्क ने मृत्यु दाखिलापत्र देने के लिए 800 रुपए की मांग की थी. समझौते के दौरान 500 रुपए में बात तय हुई. शिकायतकर्ता ने इस बात की शिकायत एन्टी करप्शन विभाग में की, एन्टी करप्शन विभाग ने तुंरत इस मामले में तेजी से एक्शन लिया और 500 रुपए रिश्वत लेते हुए महेश आनंद जातेगावकर को गिरफ्तार किया.