पुणे (तेज समाचार डेस्क). देशभर में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता पंजीयन) के खिलाफ हो रहे आंदोलन और कोरेगांव भीमा गांव में दो साल पहले हुए हिंसाचार की पृष्ठभूमि पर पुणे जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. जिला प्रशासन ने एक जनवरी 2017 को हुई हिंसा और नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए इस बार एक जनवरी को आने वाले लोगों को सीएए और एनआरसी पर किसी तरह की तख्तियां लाने और नारेबाजी की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.
– बैनर-तख्तियां, नारेबाजी पर भी पाबंदी
पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने बताया कि लोग कोरेगांव भीमा आ सकते हैं और युद्ध स्मारक जय स्तंभ पर श्रद्धांजलि दे सकते हैं. हम सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर किसी तरह की तख्तियां, बैनर लाने या नारेबाजी की इजाजत नहीं देंगे. कोरेगांव भीमा आने वाले लोग जय स्तंभ पर श्रद्धांजलि देंगे और वापस शांतिपूर्वक लौटेंगे. उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि भीड़ शांति व्यवस्था को नहीं बिगाड़े. हम आनेवाली भीड़ को सीएए, एनआरसी या अन्य किसी मुद्दे पर इस्तेमाल नहीं होने देंगे.
– 163 लोगों को नोटिस जारी
इसके अलावा एक जनवरी को विजयस्तंभ अभिवादन के आयोजन स्थल पर सभाएं करने की अनुमति मांगने वाले संगठनों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके भाषण भड़काऊ नहीं होने चाहिए. वहीं पुणे जिला (ग्रामीण) पुलिस ने 163 लोगों को नोटिस जारी किया है. इसमें हिन्दू एकता आघाडी के मिलिंद एकबोटे और शिवप्रतिष्ठान के संभाजी भिडे भी शामिल हैं. दो साल पहले हुई हिंसा के मद्देनजर जिला पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है.