इधर पितृपक्ष खत्म हुआ भी नहीं कि सत्तापक्ष और विपक्ष में चुनावी जंग शुरू हो चुकी है. चुनाव आयोग ने सभी ‘पक्षों’ का ध्यान रखते हुए ‘ईवीएम’ से ‘निष्पक्ष’ चुनाव संपन्न कराने के लिए 4 अक्टूबर तक नामांकन और 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र और हरियाणा में मतदान कराने का ऐलान किया है. जिनके नतीजे 24 अक्टूबर को यानि दिवाली से ठीक पहले आएंगे. दोनों राज्यों में दिवाली से पहले या उसके तुरंत बाद नई सरकार बन जाएगी. जो दल-गठबंधन हारेंगे, उनके ‘पिछवाड़े’ पटाखे फूटेंगे…. और जो दल-उम्मीदवार जीतेंगे, वे सबके सामने जश्न मनाएंगे. जीतने वालों की फुलझड़ियों के कारण हारने वालों के दिल जलेंगे. वैसे, जिनको किसी भी दल से टिकट नहीं मिलेगा, वे अभी से बगावत का झंडा उठाने लग जाएंगे. कुल मिलाकर पितृपक्ष से दिवाली तक राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म रहेगा.