परसों से शुरू हो रहा है नव वर्ष 2019… ये आपके लिए साबित हो जाए ‘बीस’! ऐसा कुछ हो जाए इस साल… कि आपका जीवन बन जाए खुशहाल। आप पर महंगाई की न पड़े कोई मार,… किसी भी मामले में आप न हों लाचार. आप या आपके घर परिवार में न रहे कोई बेरोजगार,… भले ही पकोड़े तलने का वो करें व्यापार! कम से कम 15-15 लाख रुपए आ जाए आप के बैंक खातों में,… और इस साल मूर्ख न बने आप किसी ‘फेंकू’ की बातों में! उम्मीद है इस नए साल में आपके ‘अच्छे दिन’ जरूर आएंगे, ….और 5 साल से चल रहे ‘बुरे दिन’ बीत जाएंगे! जैसे ही आए 2019, …देश को बर्बाद करने वाले हो जाए ‘फिनिश’! …और आप ही पड़ जाए सब पर ‘बीस’! यही है हमारी मनोकामना,… नए वर्ष की अंतर्मन से शुभकामना.
….तो भाइयों और बहनों! देवियों और सज्जनों! इस नए साल में आपको चुननी है देश के लिए एक ऐसी सरकार, जो वास्तव में हो सरकार! नहीं होनी चाहिए वह झूठों का बाजार! नहीं करना चाहिए उसने जनता का बंटाधार! सवा सौ करोड़ देशवासियों का वह कर दे बेड़ापार! जो अदालतों को, न्यायाधीशों को, सीबीआई को, सीवीसी को और रिजर्व बैंक को स्वतंत्रता से काम करने दे. जो किसानों, गरीबों, दलितों, श्रमिकों और दीन-दुखियों को कभी भूखा न मरने दे! नए साल में नई सरकार हमें चाय-गाय और धर्म-संप्रदाय की धांय-धांय से बाहर निकाले, देश को कर्मपथ पर आगे बढ़ाए. आप सब मिलकर ऐसी ही सरकार लाएं, …2019 के लिए हमारी यही शुभकामनाएं.
हमारी शुभकामना है कि आने वाले नए साल पर हर भूखे को भरपेट भोजन मिले. सरकारी अस्पतालों में उचित दवाइयां मिले. गरीबों का सही इलाज वहां हो. किसानों-मजदूरों को उनकी मेहनत का उचित दाम मिले. देश के हर बच्चे को अच्छी और उच्च शिक्षा भी मिले. हर इन्सान (मतदाता) इतना समझदार हो जाए कि कम से कम वह इस साल झूठों, मक्कारों, भ्रष्टाचारियों और धोखेबाजों की सरकार न बना पाए. उम्मीद है कि आने वाला साल हमें मूर्ति निर्माण, मूर्ति पूजा, स्टैच्यू के आडंबर, गंगा आरती, मंदिर-मस्जिद दर्शन, जनेऊधारी नेता, यज्ञ-हवन, भारत माता और वंदेमातरम आदि की उलझनों से बचाएगा, ….वह सिर्फ देशप्रेम के गीत गाएगा. ‘फेंकुओं’ को घर बिठाएगा, ….और किसी भी ‘गधे -घोड़े’ को देश का नया मुखिया नहीं बनाएगा! यह साल भारत के हर जाति-धर्म-पंथ के लोगों को सच्चा इन्सान बनाएगा. उन्हें सफेदपोशों की कठपुतली होने से बचाएगा. ऐसा ही हो नववर्ष, जिसमें न हो कोई संघर्ष. हो उत्कर्ष. सबके चेहरों पर रहे हर्ष. सबको मुबारक हो नया वर्ष.
हर व्यक्ति नए साल पर कोई न कोई संकल्प लेता है. हमने भी इस नव वर्ष पर प्रण करना चाहिए कि किसी का दिल नहीं दुखाएं. जहां हमने अपने ‘मन की बात’ करनी बतानी चाहिए, वही दूसरों के मन की बातें भी सुननी चाहिए. जो किसी की नहीं सुनता, वह ‘अकड़ू’ कहलाता है. नए साल पर हमने झुकने का संकल्प करना चाहिए. क्योंकि झुकता वही है, जो ऊंचा होता है. जबकि अकड़ता वही है, जो मुर्दा होता है. हमें इस साल अपनी जिंदादिली का सबूत देना है. सबसे प्रेम, सद्भाव और भाईचारे के साथ रहना है. तभी हमारे समाज, प्रदेश और देश का कल्याण होगा. आप खुद को चापलूस नेताओं से बचाएं. अपने युवा होते बच्चों को फेसबुक और व्हाट्सएप से बचाएं. उन्हें बिगड़ने से बचाएं. शांति से नए साल का जश्न मनाएं. यही हमारी हार्दिक शुभकामनाएं.
( सुदर्शन चक्रधर – 96899 26102)