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भारत-ऑस्ट्रेलिया के बढ़ते संबंधों से डरा चीन

Tez Samachar by Tez Samachar
December 13, 2020
in Featured, देश
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भारत-ऑस्ट्रेलिया के बढ़ते संबंधों से डरा चीन

Xi Jinping, China's president, inspects a guard of honour outside the presidential palace in Athens, Greece, on Monday, Nov. 11, 2019. Chinese President Xi Jinping is on an official visit to Greece for follow-up meetings with Greek officials, after Premier Kyriakos Mitsotakis visited China last week. Photographer: Yorgos Karahalis/Bloomberg

नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते सम्बन्धों के बीच चीन का डर अब सामने आने लगा है. भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की खबर आने के एक दिन बाद ही CCP का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित कि,या जिसमें उसके डर को स्पष्ट देखा जा सकता है.
SCMP की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए अब नई दिल्ली के शीर्ष राजनयिकों से समझौते के लिए हरी झंडी मिल चुकी है. भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने भी इस सप्ताह एक संभावित व्यापार समझौते पर बातचीत की पुष्टि भी की, जो नई दिल्ली के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी यानि RCEP से बाहर निकलने के बाद इस कदम को उठाया गया. विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया स्थित लोवी संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बुधवार को कहा, एक मुक्त व्यापार समझौते यानि एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर एक चर्चा हो रही है, क्योंकि, आप जानते हैं, हमने RCEP पर हस्ताक्षर नहीं कि,या है.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद चीन के अंदर का डर अब उसके मुखपत्र पर दिखाई देने लगा है. ग्लोबल टाइम्स ने अपने भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों के ऊपर चीन और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों की महत्ता रेखांकि,त करते हुए लिखा, आर्थिक मामलों में, ऑस्ट्रेलिया का भारत के बजाय चीन के साथ अत्यधिक समन्वय है. चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा निर्यात बाजार रहा है. कैनबरा और नई दिल्ली दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं के संबंध में पूरक नहीं हैं.
इतना ही नहीं ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, जब थोक वस्तुओं की बात आती है, भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों पूरक नहीं हैं, बल्कि, वे एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं. उदाहरण के लिए लौह अयस्क लें. भारत दुनिया के प्रमुख लौह अयस्क उत्पादकों में से एक है, और चीन लौह अयस्क के प्रमुख खरीदारों में से एक रहा है. वे अपने लौह अयस्क को बेचने के लिए के लिए चीन को आकर्षित करने का प्रयास करते हैं.
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा कि, अगर दोनों देश अंततः एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं, तो भी ऑस्ट्रेलिया के लिए अपने नुकसान की भरपाई करना करना बहुत मुश्कि,ल होगा. यही नहीं चीन को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते सम्बन्धों से QUAD के और सक्षम होने का भी डर है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि, इन दोनों देशों का बढ़ा हुआ सहयोग QUAD में कमियों को पूरा करेगा, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत एक सहयोग में शामिल है. GT ने आगे लिखा कि,, QUAD ब्लॉक में, जापान और ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं. वाशिंगटन और टोक्यो ने नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को बढ़ाया है. भारत-आस्ट्रेलिया के आपसी संबंध QUAD में एक कमजोर कड़ी थी परंतु अब कैनबरा और नई दिल्ली के बीच सहयोग को बढ़ाने के मौजूदा प्रयास इस कड़ी को मजबूत कर सकते हैं.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि, दोनों देश फ्री ट्रेड डील से चीन को चेतावनी दे रहे हैं. भले ही चीन के साथ उनके संबंध खराब हो गए हों, उनके पास घाटे को कम करने के लिए अन्य व्यापारिक साझेदार हैं.
ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन की वुल्फ़ वॉरियर कूटनीति और भारत के साथ सीमा तनाव के साथ महामारी के अभूतपूर्व प्रसार ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिर्फ रणनीतिक साझेदारी को ही मजबूत नहीं कि,या है बल्कि, व्यापारिक संबंध भी मजबूत कि,या है. रिपोर्ट के अनुसार अब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत ने रफ्तार पकड़ ली है. चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया पर लगातार आर्थिक हमले करने पर भारत ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था. हाल के महीनों में ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ही चीन के साथ बड़े विवादों में रहे हैं. अब जिस तरह से दोनों देश के संबंध बढ़ रहे हैं उससे चीन का डर जायज है क्योंकि, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस मुक्त व्यापार समझौते के बाद सबसे अधिक नुकसान चीन को होने वाला है. सिर्फ फ्री ट्रेड डील ही नहीं बल्कि, रणनीतिक रूप से भी इंडो पैसिफिक पर इन दोनों देशों का QUAD के साथ मिल कर चीन को धूल चटाने में सहयोग बढ़ेगा.
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