नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): कोरोना संक्रमण काल के बीच प्रदेश में एक बार फिर स्कूल खोले जाने की बात हो रही है। अन्य प्रदेशों ने इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दिया। वहीं मध्यप्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा तक की संचालन से पूर्व बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र जारी किया है। बाल आयोग में आठवीं तक के बच्चों की पढ़ाई के लिए एसओपी(SOP )जारी करते हुए कक्षा ना लगाने की सिफारिश की है। दरअसल बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते मामले की संख्या का हवाला दिया है। आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि जिस तरह से प्रदेश में लगातार नए के सामने आ रहे हैं। ऐसे में पहली से आठवीं तक के बच्चों की कक्षाएं ना लगाया जाए। वही आयोग का यह भी कहना है कि केवल बोर्ड एग्जाम वाली कक्षाएं संचालित की जाए। जिससे संक्रमण ना फैले।
दूसरी तरफ आयोग के एक सदस्य बृजेश शाह ने बताया कि आयोग द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को जारी एसओपी अभिभावकों, टीचर, डॉक्टर और एजुकेशन एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद तैयार की गई है। वही आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि हायर सेकेंडरी के बच्चों के लिए खोली गई। स्कूलों की तैयारियों पर एक बार औचक निरीक्षण की भी आवश्यकता है। ताकि बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सके। वही आयोग ने यह भी मांग की है कि स्कूलों में की गई तैयारियों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा कराया जा। जिससे यह पता लग सके कि सभी स्कूल गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं अथवा नहीं।
बाल आयोग ने संक्रमण मामले में बचाव के लिए एक समिति गठित करने की भी सिफारिश की है। बता दे कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज है। आए दिन नए मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। प्रदेश में कल संक्रमण के कुल 1720 मामले सामने आए हैं। जिसे प्रदेश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1,35,638 पहुंचा है। वहीं 35 लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे हैं। इसी के साथ प्रदेश में अब तक कुल 2434 लोग की संक्रमण से मौत हो गई है। हालांकि रिकवरी रेट में सुधार जारी है। जहां 2120 लोग स्वस्थ हो अपने घर वापस लौटे हैं। इसी के साथ प्रदेश में स्वस्थ मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1,13,832 पहुंच गया है। वही 19372 लोगों का इलाज प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में जारी है।