पुणे (तेज समाचार डेस्क). कोरोना के संकट के समय में जब शहर में आपदा कानून लगा हुआ है, ऐसे में महापालिका के तीन अधिकारियों द्वारा बिना अनुमति ऑस्ट्रेलिया का दौरा करनेवाले 3 मनपा अधिकारियों को मनपा आयुक्त ने निलंबित कर दिया है. प्रशासन ने इन अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस भेजा था. स्पष्टीकरण के लिए उन्हें 2 दिन का समय दिया गया था. पर उन्होंने जवाब नहीं दिया. प्रशासन द्वारा सविस्तार जांच की गई. जिसमें वे दोषी पाए गए. इस वजह से इनपर महापालिका आयुक्त शेखर गायकवाड़ द्वारा यह कार्रवाई की गई. ये अधिकारी राज्य में बजट अधिवेशन शुरू होने के बावजूद बिना किसी की अनुमति के, मेडिकल लिव के लिए मंजूरी ना होने के बावजूद ये दौरा किया था. ऐसे में उन्हें निलंबित किया गया.
– कोरोना की वजह से जताई जा रही थी चिंता
ज्ञात हो कि पूरे विश्व में कोरोना को लेकर चिंता जताई जा रही है. देश में राष्ट्रीय आपदा घोषित की गई है. राज्य में पुणे शहर में सबसे ज्यादा कोरोना बाधित मरीज मिले हैं. इस वजह से महापालिका द्वारा युद्धस्तर पर उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन मनपा के कई अधिकारी इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आए. महापालिका प्रशासन की अनुमति के बिना ये लोग ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चले गए थे. इसमें विद्युत विभाग की अधीक्षक अभियंता मनीषा शेकटकर, जलापूर्ति विभाग के जूनियर इंजीनियर संदीप सपकाल व उपअभियंता डी. एस. गायकवाड़ का समावेश है. 8 दिन पहले ये लोग विदेश चले गए थे. जो रविवार शाम वापस लौटे. लेकिन इस दौरे की जानकारी ना विभाग प्रमुख को थी व ना ही उनके वरिष्ठ अतिरिक्त आयुक्त को. इससे कई सवाल उठ रहे थे. मनपा प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लिया. संबंधित तीन अधिकारियों को विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता ने कारण बताओ नोटिस भेजी थी. चेतावनी दी थी कि 2 दिन में इसका उचित खुलासा नहीं किया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अनुसार अब यह कार्रवाई मनपा आयुक्त द्वारा की गई है.
– मेडिकल लिव लेनेवालों को मंजूरी भी नहीं दी गई थी
इस बारे में महापालिका आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि इन अधिकारियों को विभिन्न कारणों में दोषी पाए गए हैं. राज्य में अधिवेशन का कामकाज होना, शहर में कोरोना की वजह से आपदा कानून लागू होना, मेडिकल लिव के लिए मंजूरी ना होने के कारण विदेश जाना, यात्री छुट्टी के तहत सिर्फ महाराष्ट्र में घूमने की अनुमति होती है, इसके बावजूद विदेश जाने के दोषी ये पाए गए हैं. गायकवाड़ के अनुसार ये सभी मुद्दे गंभीर हैं. इस वजह से उनका निलंबन किया गया है. निलंबन के समय मामले की विभागीय तौर पर विस्तृत जांच जारी रहेगी.