नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). जहां एक ओर देश की राजनीति में युवाओं का बोलबाल है, वहीं कांग्रेस अपने पुराने ढर्रे पर ही चलते हुए अपनी पार्टी के उम्रदराज बुजुर्गों पर विश्वास जता रही है. हाल ही में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में भी कांग्रेस की यह भूमिका नजर आई है, जहां राजस्थान में पायलट को दरकिनार कर कांग्रेस ने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया और मध्यप्रदेश में भी सिंधिया को मुख्यमंत्री न बना कर कमलनाथ को मध्यप्रदेश सौंप दिया है. एक बार फिर कांग्रेस ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान 80 वर्षीय शीला दीक्षित को सौंपी है. वे 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. अजय माकन ने 4 जनवरी को स्वास्थ्य कारणों के चलते प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने बताया कि देवेंद्र यादव, राजेश लिलोथिया और हारुन यूसुफ कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए है.
– माकन को मंजूर नहीं केजरीवाल
एजेंसी के सूत्र कहते हैं कि माकन के इस्तीफे की वजह सेहत न होकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल थे. कांग्रेस आलाकमान दिल्ली में आप से गठजोड़ की संभावना पर विचार कर रहा है, वहीं माकन इसके पूरी तरह से खिलाफ थे. उनका तर्क था कि केजरीवाल की लोकप्रियता लगातार घट रही है. शीला के फिर से दिल्ली का अध्यक्ष बनने की संभावनाओं ने तब जोर पकड़ा जब वे हाल ही में फ्रांस से सर्जरी कराकर लौटीं. माकन के इस्तीफे के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वे दिल्ली कांग्रेस की कमान संभालेंगी, तब उनका कहना था कि राहुल अगर उन्हें जिम्मेदारी सौंपते हैं, तो वे पूरी तन्मयता से पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने का काम करेंगी.
– 1998 में सोनिया गांधी ने दीक्षित को सौंपी थी दिल्ली
शीला पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय थीं, लेकिन लगातार 4 लोकसभा चुनाव हारने के बाद 1998 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी दी. शीला ने चुनाव में पार्टी की कमान संभाली और चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने 2013 तक तीन कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री पूरे किए.
– अजय माकन ने दी बधाई
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रहे अजय माकन ने शीला दीक्षित को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि पूरा यकीन है कि दिल्ली में वे पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगीं और मोदी और केजरीवाल के लिए चुनौती बनेंगी.