मानसिक संतुलन बरकरार रखने के लिए निरंतर योग और प्राणायाम जरूरी : ईशा कोप्पिकर
नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन (आईएनओ) की ब्रांड एम्बेसडर एवं बॉलीवुड अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने शनिवार को ‘फिटनेस एंड ब्यूटी मंत्रा’ पर फेसबुक के माध्यम से लोगों को परामर्श दिया। ईशा ने कहा कि मानसिक संतुलन बरकरार रखने के लिए निरंतर योग और प्राणायाम करना जरूरी है। साथ ही ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।
इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन (आईएनओ) और सूर्या फाउण्डेशन की ओर से सोशल मीडिया के फेसबुक ऐप के जरिए लाइव वार्ता में अभिनेत्री ईशा ने अपनी फिटनेस के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन में शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए हमे प्रतिदिन कमसे कम 15 मिनट योग और प्राणायाम करना चाहिए। योग शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी स्वस्थ रखता है।
फिटनेस टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि फिट रहना एक लाइफ स्टाइल है। परीक्षा के समय सबसे अधिक बोझ रहता है, जिसे आप योग से खत्म कर सकते हैं। मैं 15 साल की उम्र से प्रकृति योगसन जैसे- फॉर्वर्ड पोज (उत्तासना), फिश पोज, अनुलोम-विलोम, कपालभाति कर रही हूं। इसकी वजह से आज तक शारीरिक बीमारी से दूर हूं। साथ ही चाइल्ड लाइक और मन साफ रहेगा तो चेहरे पर हमेशा ग्लो करता रहेगा।
अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने अपनी दिनचर्या के बारे में बता कि सुबह छह से सात बजे के बीच उठती हूं। फिर गरम पानी और नींबू पीती हूं। उसके बाद करीब आधे घंटे तक प्राणायाम करती हूं। फिर नाश्ता क्योंकि मैं मैंग्लोरियन हूं तो फिश का खाती हूं और अंडा तो डेली और जूस भी लेती हूं। कोशिश करती हूं कुछ बनाने की। इसके अलावा हेल्थ के बारे में ऑनलाइन पढ़ती रहती हूं और रात 9.30 बजे तक हर हाल में सो भी जाती हूं।
अभिनेत्री ने कहा कि एसिडिटी को कंट्रोल कैसे कर सकते हैं। ब्लैक कॉफी पीना चाहिए। नींबू भी किसी चीज के साथ खाते हो तो आपकी पाचनक्रिया सही रहती है। इसके लिए दिन में कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए। मैं खुद कभी-कभी 16 घंटे से ज्यादा तक फास्ट रखती हूं। ये भी हमारे कल्चर में हैं क्योंकि हम अपने बॉडी को स्वस्थ रखने के लिए व्रत रखते हैं। इस वजह से भी आपके चेहरे पर निखार आता है।
उन्होंने कहा कि मेरे पिता-मां दोनों ही डायबिटीज के शिकार हैं। फिटनेस पर उन्होंने बताया कि आज कल बच्चे इंडोर सिस्टम को ज्यादा तवज्जो देते हैं। पर उनके अभिभावकों से अपील करती हूं कि आप अपने बच्चों को योग क्रिया करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्त रखने के लिए प्राकित चिकित्सा पद्धति अपनाना चाहिए। उन्होंने नेचुरोपैथी और आयुर्वेद को अपनाने पर बल देत हुए कहा कि हम लोग नेचुरोपैथी और आयुर्वेद खोते रहे थे लेकिन जब अन्य देशों बेंकॉक, फिलीपिंस आदि अन्य देशों में देखा कि हमारे देश जहां के वेदपुराणों में प्राकृतिक पद्धति इंगित है तो हम लोगोंं क्यों इसका उपयोग करके अपने आपको फिट रखें।
आईएनओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनंत बिरादर ने बताया कि देश को कोरोना वायरस महामारी से बचाने के लिए जारी लॉकडाउन में 18 अप्रैल से 3 मई के बीच आईएनओ के फेसबुक पेज पर कोरोना रोकथाम में प्राकृतिक चिकित्सा एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य विषय पर लाइव वार्ता का सीधा प्रसारण प्रतिदिन सुबह 11 बजे व शाम 4 बजे किया जा रहा है। यह निर्णय सूर्या फाउण्डेशन और इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गनाइजेशन (आईएनओ) ने राज्य स्तरीय वरिष्ठ सदस्यों की मांग पर लिया गया है।